गुजरात : महिला शक्ति के सर्वग्राही कल्याण के लिए राज्य सरकार ने ‘स्वास्थ्य-शिक्षा-सुरक्षा’ का त्रिस्तरीय दृष्टिकोण अपनाया : भूपेंद्र पटेल

गुजरात  :  महिला शक्ति के सर्वग्राही कल्याण के लिए राज्य सरकार ने ‘स्वास्थ्य-शिक्षा-सुरक्षा’ का त्रिस्तरीय दृष्टिकोण अपनाया :  भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री ने ‘सुपोषित माता-स्वस्थ बाल योजना’ द्वारा कुपोषण समाप्त कर गुजरात को समृद्ध बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की

इस वर्ष महिला-बाल कल्याण विभाग के बजट में 42 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ 4976 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने महिला विकास पुरस्कार, माता यशोदा पुरस्कार, गंगा स्वरूपा माता सन्मान करते हुए 4 करोड़ 97 लाख की लागत से तैयार हुई 72 आँगनबाड़ियों का ई-लोकार्पण तथा  2 करोड़ 61 लाख रुपए की लागत से निर्माणाधीन 23 आँगनबाड़ियों का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नेअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में सहभागी होते हुए स्पष्ट मत व्यक्त किया कि राज्य सरकार ने महिला शक्ति के सर्वग्राही कल्याण के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा का त्रिस्तरीय दृष्टिकोण अपनाया है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के इस वर्ष में नारी शक्ति के सर्वांगीण उत्थान के लिए महिला बाल कल्याण विभाग के बजट में 42 प्रतिशत की भारी वृद्धि करते हुए 4976 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। 
मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को गांधीनगर में आयोजित समारोह में वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए गुजरात महिला विकास पुरस्कार, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता और तेडागर (बच्चों को आँगनबाड़ी ले जाने वाली) बहनों को माता यशोदा पुरस्कार के अंतर्गत नक़द राशि, शॉल और प्रमाणपत्र प्रदान किए। उन्होंने महिला और बाल कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती मनीषाबेन वकील, स्वास्थ्य राज्य मंत्री निमिषाबेन सुथार की उपस्थिति में आयोजित इस समारोह में गंगा स्वरूपा माताओं का सम्मान, ‘व्हाली दीकरी योजना’ (प्यारी बिटिया योजना) के कुल 1.10 लाख रुपए के स्वीकृति सहायता आदेश वितरण तथा महिला स्वावलंबन योजना की लाभार्थी बहनों को चेक वितरित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस बजट में माताओं-बहनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए  स्वास्थ्योन्मुख कार्यक्रमों के तहत कुपोषण मुक्त उज्ज्वल कल के निर्माण के उद्देश्य से ‘सुपोषित माता-स्वस्थ बाल योजना’ शुरू करने का प्रावधान किया है। मातृशक्ति स्वयं स्वस्थ और सुपोषित रहे, तो उसके हाथों तैयार होने वाली पीढ़ियाँ भी सक्षम-समर्थ बनेंगी। इसके लिए सरकार ने गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं की 1 हज़ार दिन देखभाल करने का दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने इसकी विस्तृत भूमिका देते हुए कहा कि ऐसी माता-बहनों को 1 हज़ार दिनों तक हर महीने 1 किलो अरहर दाल, 2 किलो चना और 1 लीटर तेल निःशुल्क दिया जाएगा।   
मुख्यमंत्री ने महिला विकास पुरस्कार, माता यशोदा पुरस्कार, गंगा स्वरूपा माता सन्मान करते हुए
मुख्यमंत्री ने बच्चों को पूरक पोषण आहार के रूप में आयरनयुक्त फ़ोर्टीफ़ाइड आटा लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वस्थ पीढ़ी के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा रासायनिक खादमुक्त प्राकृतिक खेती का जो रस्ता दिखाया है, उसकी ओर मुड़ने के लिए मातृशक्ति का आह्वान भी किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात में कन्या साक्षरता दर बढ़ाने और बेटियों को शिक्षित करने हेतु शुरू की गई ‘कन्या शिक्षा-विद्यालय प्रवेशोत्सव योजना’ के साथ कन्या जन्म दर को बढ़ाने वाली ‘व्हालीदीकरी योजना’ में कन्या शिक्षा के लिए दी जाने वाली सहायता के विषय में विस्तृत जानकारी दी। भूपेंद्र पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस गौरवपूर्ण समारोह के अवसर पर कुछ समय पहले आयोजित पैरा ओलम्पिक में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली 6 बेटियों की सिद्धि गाथा और यूक्रेन-रूस की वर्तमान स्थित में भारतीयों को ‘ऑपरेशन गंगा’ के अंतर्गत फ़्लाइट से सुरक्षित स्वदेश वापस लाने वाली कच्छ की पायलट पुत्री दिशा गडा की सफलता का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने राज्य में माताओं, बहनों, बेटियों की आपातकालीन सहायता के लिए 181 अभयम् हेल्पलाइन सहित अन्य सुरक्षा योजनाओं का भी विवरण दिया। 
उन्होंने इस अवसर पर देवभूमि द्वारका में 48.69 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित सखी वन स्टॉप सेंटर, 4.97 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुई 72 आँगनबाड़ियों का ई-लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने 2.61 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन 23 आँगनबाड़ियों का ई-भूमिपूजन किया। महिला एवं बाल कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती मनीषाबेन वकील ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए देखे गए सपने को पूरा करने के लिए राज्य की नारी शक्ति ने भी स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने समाज में आधासंख्या बल रखने वाली महिला शक्ति को शिक्षा के शस्त्र से सुसज्ज होकर भविष्य बनाने की प्रेरणा भी दी। 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनाए गए महिला सशक्तीकरण के नए आयाम के चलते आज बेटियाँ सरकारी सेवाओं में उच्च पदों, पायलट, सुरक्षा बलों में प्रतिष्ठित पदों पर अपना कौशल दिखा रही हैं। स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती निमिषाबेन सुथार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिला शक्ति को सदैव पूजनीय और प्रथम स्थान दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री  भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्त्व में राज्य सरकार द्वारा महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठाए गए क़दमों की भी जानकारी दी। इस अवसर पर महिला विधायक संगीताबेन पाटिल, कल्पनाबेन मोहिले, झंखनाबेन पटेल, महिला अग्रणी लीलाबेन अंकोलिया, गांधीनगर के महापौर हितेश मकवाणा, जिला पंचायत अध्यक्ष दिलीपभाई तथा महिला एवं बाल कल्याण सचिव के.के. निराला,  डी.एन. मोदी, सुश्री पुष्पालता, जिला कलेक्टर, जिला विकास अधिकारी सहित बड़ी संख्या में मातृ-भगिनी शक्ति उपस्थित रही। 
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