गुजरात : भावी पीढ़ी को ग्रीन-क्लीन एन्वायर्नमेंट देने के लिए सामूहिक संकल्प की आवश्यकता

गुजरात  : भावी पीढ़ी को ग्रीन-क्लीन एन्वायर्नमेंट देने के लिए सामूहिक संकल्प की आवश्यकता

जलवायु परिवर्तन की विभिन्न चुनौतियों के बावजूद गुजरात ने पर्यावरण को प्राथमिकता देते हुए विकास की नई परिभाषा लिखी : मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल

प्रधानमंत्री द्वारा सीओपी-26 में पर्यावरण संरक्षण के लिए दिए गए ‘पंचामृत लक्ष्य’ में महत्वपूर्ण 2070 तक ‘नेटज़ीरो लक्ष्य’को पूरा करने के लिए गुजरात सज्ज
मुख्यमंत्री  भूपेन्द्र पटेल ने ‘बिल्डिंग क्लाइमेटरेज़िलिएंट गुजरात’ के अंतर्गत राज्य के जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जलवायु परिवर्तन की विभिन्न चुनौतियों के बावजूद गुजरात ने पर्यावरण को प्राथमिकता देते हुए विकास की नई परिभाषा लिखी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वर्ष 2009 में समग्र एशिया में सबसे पहले जलवायु परिवर्तन विभाग की शुरुआत की थी। अपने इस कदम से उन्होंने पूरे विश्व को पर्यावरण सुरक्षा के प्रति एक नई दिशा दिखाई थी। राज्य सरकार ने इस जलवायु परिवर्तन विभाग के बजट में पिछले 12 वर्षों में निरंतर वृद्धि की है। इस वर्ष सरकार ने इस विभाग के लिए बजट में 910 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। साइंससिटी में शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी, जलवायु परिवर्तन तथा वन मंत्री किरीट सिंह राणा, राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, कुबेरभाईडिंडोरऔर देश-विदेश के विशेषज्ञों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने विभिन्न योजनाओं, सहायताओं, प्रकल्पों तथा एमओयू आदि की भेंट दी। मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रतिष्ठित गुजरात यूनिवर्सिटी में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना करने के लिए जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से 1 करोड़ 50 लाख रुपए के अनुदान के आवंटन की घोषणा भी की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री  भूपेन्द्र पटेल के करकमलों से साइंस म्यूज़ियम, मेडिकल कॉलेज तथा पॉलिटेक्निक भवनों पर सोलर रूफ़ टॉप सिस्टम का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री ने इस समारोह में सब्सिडी योजना के अंतर्गत दिए गए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को हरी झंडी दिखाते हुए बैटरी संचालित दोपहिया वाहनों की सहायता, गौशाला-पिंजरपोल को बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता तथा सखी मंडल के माध्यम से प्लास्टिक कूड़े के एकत्रीकरण के लिए प्रोत्साहक राशि का वितरण भी किया। इस अवसर पर 12 लाभार्थियों को बैटरी संचालित दोपहिया वाहनों की सहायता का वितरण किया गया। इस योजना के अंतर्गत पिछले पाँच वर्षों में राज्य में कक्षा 9 से 12 तथा कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले कुल 25,328 विद्यार्थियों को कुल 21.06 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।
गौशाला-पिंजरापोल को बायोगैस प्लांट स्थापना सहायता वितरण के अंतर्गत प्रतीक के रूप में तरभ स्थित श्री वालीनाथ अखाडा गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट और कडी स्थित नंद गौशाला; प्रत्येक को 10,73,082 रुपए की सहायता दी गई। प्लास्टिक कूड़ा एकत्रीकरण के लिए मोरबी स्थित तक्षशिला स्वयं सहायता समूह और सिंघोई स्थित महिला संगठन; प्रत्येक को 2.5 लाख रुपए की प्रोत्साहक सहायता दी गई। समग्र राज्य में अब तक 22.91 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री ने पाटण स्थित रीजनल साइंस म्यूज़ियम में 100 किलोवॉट, हिम्मतनगर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में 100 किलोवॉट तथा भावनगर स्थित श्री भावसिंहजी पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट कैम्पस में 180 किलोवॉट के सोलरसिस्टम का वर्चुअल लोकार्पण भी किया। 1.26 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस सोलर सिस्टम द्वारा वार्षिक 5 लाख 70 हज़ार यूनिट बिजली की बचत होगी।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीओपी -26 में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘पंचामृत लक्ष्य’ के अंतर्गत पाँच लक्ष्य घोषित किए हैं। इन लक्ष्यों में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य वर्ष 2070 तक भारत को कार्बन उत्सर्जन में नेटज़ीरो बनाना भी है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गुजरात इस लक्ष्य को हासिल करने में नेतृत्व करने के लिए सज्ज है। उन्होंने इसका कॉन्सेप्ट देते हुए कहा कि इस पंचामृत लक्ष्य के अंतर्गत वर्ष 2030 तक के लक्ष्य को ध्यान में रख कर गुजरात ने नया स्टेट एक्शन प्लान तैयार किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को अवसर में परिवर्तित करने के संकल्प के साथ नई नीतियाँ बनाई हैं। इसमें भी स्वच्छ, शुद्ध तथा ग्रीन-क्लीन एन्वायरमेन्ट, जल संरक्षण सहित सर्वग्राही विषयों के चिंतन-मनन को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने भावी पीढ़ी को ग्रीन-क्लीनएन्वायर्नमेंट देने का संकल्प लेते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तनकी चुनौतियों के विरुद्ध सक्षम परिणामदायी उपायों से सुसज्ज गुजरात का निर्माण ही हमारा सामूहिक संकल्प तथा हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता है।
चुनौतियों से निपटने के लिए गुजरात सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध  : जीतूभाईवाघाणी 
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत

शिक्षा मंत्री जीतूभाईवाघाणी ने अपने प्रासंगिक संबोधन में कहा कि वर्तमान राज्य सरकार तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में उठाए गए क़दमों को परिणामोन्मुखी रूप से आगे बढ़ा रही है। जलवायु परिवर्तन वैश्विक चुनौती है और पूरा विश्व इस चुनौती का सामना कर रहा है। ऋतुओं में बदलाव और उसके कारण प्राकृतिक आपदाएँ आ रही हैं। इनके लिए जलवायु परिवर्तन ज़िम्मेदार है। साथ ही साथ हमें अनेक प्रकार के रोगों का भी सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि इन सभी के विपरीत परिस्थितियों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए गुजरात सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात राज्य ने कोरोना महामारी की स्थिति में 100 प्रतिशत टीकाकरण किया है। आज से 100 प्रतिशत ऑफ़लाइन शिक्षा भी शुरू की गई है। विद्यार्थी स्कूल-कॉलेजों में जाकर अपनी रचनात्मक कलाओं का विकास करें इसके लिए मुख्यमंत्री  भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। आगामी दिवसों में शिक्षा विभाग भी जलवायु परिवर्तन को एक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए विचार कर रही है। 
आज युवा नवीन अभिनव संसाधनों को विकसित कर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सहयोग दे रहे हैं युवा :  किरीट सिंह राणा  
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए युवा वर्ग को छात्रकाल से ही जागृत किया गया
वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री  किरीट सिंह राणा ने कहा कि वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने पर्यावरण एवं ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ने से रोकने के विषय पर विचार-मंथन कर जलवायु परिवर्तन विभाग की शुरुआत की थी। उन्होंने इस विज़न को एक मिशन के रूप में शुरू किया और अनेक योजनाओं व पहलों के ज़रिये युवा एवं नागरिकों को जोड़ा। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए युवा वर्ग को छात्रकाल से ही जागृत किया गया, जिसमें गुजरात में शुरू किए गए स्टार्टअप इनोवेशन के चलते आज 6 हज़ार से अधिक स्टार्टअप कार्यान्वित हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि युवा नई तकनीक के उपयोग से नवीन विचारों को साकार करने का काम कर रहे हैं। दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले संसाधनों से हमारे पर्यावरण में आने वाले फेर-बदलों पर विचार कर, आज युवा नवीन अभिनव संसाधनों को विकसित कर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सहयोग दे रहे हैं। इस जागृति अभियान में समग्र विश्व में गुजरात अग्रसर रहा है। सबके साथ और सहयोग से हम पर्यावरण को ग्लोबल वॉर्मिंग तथा जलवायु परिवर्तनके विपरीत प्रभाव से बचा सकते हैं।
भूमि एवं जल का क्षरण हो रहा है, जो आने वाले दिनों में पृथ्वी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा : जगदीशभाई विश्वकर्मा
जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री जगदीशभाई विश्वकर्मा ने भी अपना प्रासंगिक संबोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी के वातावरण में फेरबदल होने का उल्लेख 17वीं सदी के पुराणों में भी किया गया था। भूमि एवं जल का क्षरण हो रहा है, जो आने वाले दिनों में पृथ्वी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के विचार को सफल बनाने के लिए हम सभी को उस दिशा पर आगे बढ़ना है। प्रत्येक व्यक्ति अपने आसपास के पर्यावरण का रक्षण-संरक्षण करेगा और पर्यावरण को बचाने का प्रयास करेगा, तो आने वाली पीढ़ियों को हम सुरक्षित पर्यावरण दे सकेंगे। इसके लिए हमें गंभीर होने की ज़रूरत है। जलवायु परिवर्तन की समझ लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से इस विषय से जुड़ी 6 विभिन्न डॉक्यूमेंट्री का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में किया। इसके साथ ही बच्चों तक जलवायु परिवर्तन की वैज्ञानिक समझ पहुंचे इसके लिए मुख्यमंत्री ने अपने कर कमलों से वेबिनार लॉन्चिंग, गुजरात की परम्परागत पुस्तक का विमोचन, जलवायु परिवर्तन से जुड़ी विभिन्न स्टडी रिपोर्ट्स का विमोचन और शिक्षा विभाग द्वारा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शिका ‘विद्यासुरभि’ का भी विमोचन किया।इस कार्यक्रम में गुजरात यूनिवर्सिटी, एमएस यूनिवर्सिटी, जीटीयू के वाइस चांसलर, आईआईएम-अहमदाबाद के निदेशक और जलवायु परिवर्तन क्षेत्र में अनुसंधान करने वाले देश-विदेश के शोधकर्ता तथा विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

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