गुजरात : "टीबी हारेगा, भारत जीतेगा"अहमदाबाद को टीबी मुक्त बनाने के अभियान से लोगों को जुड़ने की जरूरत

गुजरात :

सरकार के जनभागीदारी से हम गांव, शहर, राज्य और देश को टीबी मुक्त बना सकेंगे

सामाजिक एवं सेवाभावी संगठनों के सहयोग से अहमदाबाद शहर एवं जिले को टीबी मुक्त बनाने के अभियान में सांसद डॉ. किरीटभाई सोलंकी ने कहा कि टीबी यानी क्षय रोग को एक समय में इसे एक बीमारी माना जाता था। हमारे देश के प्रधानमंत्री  नरेंद्र भाई मोदी ने टीबी को हराने के लिए "टीबी हारेगा भारत जीतेगा" जैसा संकल्प लिया है। जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)ने साल 2030 तक दुनिया से क्षय रोड (टीबी) को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, वहीं हमारे प्रधानमंत्री का लक्ष्य वर्ष 2030 तक भारत को TB मुक्त बनाना है। इसलिए सरकार के जनभागीदारी से हम गांव, शहर, राज्य और देश को टीबी मुक्त बना सकेंगे।
इस संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए शनिवार को अहमदाबाद में ट्रीटमेंट अवेयरनेस मैनेजमेंट सिस्टम एमईआरएम एंड टीएमईएडी के स्केल अप पर एक सेमिनार आयोजित किया गया।
एक नई तकनीक का उपयोग करके बनाए गए एक एमईआरएम बॉक्स का प्रदर्शन किया गया। बॉक्स में व्यवस्थित सिम कार्ड से मरीजों को नियमित संपर्क में रखा जाएगा। नियमित दवा, उपचार, जरुरी पोषक, आहार ले रहे है या नहीं सभी विवरण यहां दर्ज किए जाएंगे और केंद्र पर जानकारी की निगरानी की जाएगी। भारत सरकार की ओर से गुजरात समेत अन्य राज्यों में यह इलाज नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। अहमदाबाद में एमईआरएम के तहत 1200 और टीएमईएडी बॉक्स के तहत 800 मरीजों को शामिल किया गया है। इस अवसर पर गुजरात सरकार के क्षय रोग (टीबी) के प्रमुख डॉ. सतीशभाई मकवाना, डॉ. दिलीपभाई मावलणकर, डॉ. दीपकभाई सक्सेना (भारतीय जन स्वास्थ्य संस्थान, गांधीनगर) योगेशभाई पटेल और डॉ. मलय शाह (वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर) और बड़ी संख्या में डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद थे।
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