गुजरात : कृषि पाठ्यक्रमों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का सपना किया जा सकता है साकार : डॉ. आर. सी. अग्रवाल

गुजरात : कृषि पाठ्यक्रमों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का सपना किया जा सकता है साकार :  डॉ. आर. सी. अग्रवाल

आणंद स्थित कृषि विश्वविद्यालय में कृषि के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों और इसकी आवश्यकताओं पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया

 प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट 2021 के तहत कृषि विश्वविद्यालय, आणंद में कृषि के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों और इसकी आवश्यकताओं पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। आईसीएआर के राष्ट्रीय डायरेक्टर एवं  डीडीजी शिक्षा  डॉ. आरसी अग्रवाल ने कृषि के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों पर बात की। उन्होंने छात्रों को अर्न व्हील लर्निंग के उद्देश्य को साकार करने में मदद करने के लिए छात्रों के लिए ग्राम स्तर पर उपलब्ध इंटर्नशिप के बारे में बात की।
उन्होंने कृषि क्षेत्र में पाठ्यक्रम में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों, चुनौतियों और रोजगार सृजन के लिए समानता बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया। छात्र इन पाठ्यक्रमों को डिजिटल रूप से लेकर विश्व स्तरीय अभ्यास का हिस्सा भी बन सकते हैं। कृषि में कोर्स करने के बाद करियर और रोजगार सृजन के जरिए आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार किया जा सकता है।
आइसीएआर के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर डॉ. प्रभात कुमार ने कृषि से संबंधित ज्ञान के प्रसार के बारे में बात की, जिसमें करियर और रोजगार सृजन के लिए उपयोगी कृषि से संबंधित  पाठ्यक्रमों की मदद से कृषि से संबंधित ज्ञान का प्रसार किया गया। आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर सुखपाल सिंह ने इस समय और इस समय की चुनौतियों को पहचानते हुए इसे समझा और इस समय उपलब्ध अवसर पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
खेत का आकार नहीं बल्कि खेत की उपज की उत्पादकता महत्वपूर्ण है। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में फर्म को वैज्ञानिक रूप से उन्मुख खेती के लिए तैयार करना आवश्यक है। पाठ्यपुस्तक के बाहर सोचने में सक्षम होना और किसानों के साथ निरंतर संचार में संलग्न होना महत्वपूर्ण है। 
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