गुजरात : गौप्रेमी परिवार ने वैवाहिक समारोह में शादी के मंडप को गाय के गोबर के शिल्प से सजाकर एक नई पहल शुरु की

गुजरात  : गौप्रेमी परिवार ने वैवाहिक समारोह में  शादी के मंडप को गाय के गोबर के शिल्प से सजाकर एक नई पहल शुरु की

दुल्हन ने स्वयं प्रशिक्षण लेकर परिवार एवं मित्रों के सहयोग से गाय के गोबर से सजाई गई भव्य लग्न मंडप का निर्माण किया

गौ संवर्धन यानी प्रकृति का संवर्धन 
आज पूरे देश में गौ-पालन के प्रयास चल रहे हैं। गाय माता  प्रकृति  का एक ऐसा अंग है जिसमें मनुष्य की लगभग सभी समस्याओं का निवारण रहा है, ऐसे में गौ संवर्धन के लिए  स्वाभाविक रुप से कई पहल और प्रयास किए जाने चाहिए।
गायों को पालन-पोषण करने के साथ सम सभी कई मौकों पर, गायों को चारा खिलाना  आदि, बातें आंखों के सामने रोजाना आते रहते हैं। लेकिन कच्छ के सुखपर गांव के गौप्रेमी परिवार ने एक नई पहल की है और अपनी बेटी की शादी को गौमय बना दिया है।
कच्छ के सुखपर गांव में  कांतिभाई केराई की सुपुत्री निशाबेन की शादी तय होने के बाद पूरा गाय प्रेमी परिवार शादी की तैयारी में लग गया। शादी की तैयारियां पिछले चार-छह महीने से चल रही हैं लेकिन कुछ अलग है। शादी के पूरे अवसर को गौमय बनाने के लिए, कांतिभाई और उनके गोप्रेमी परिवार ने शादी के मंडप को ही गौमय बनाने का विचार किया है।
जिसकी शादी है वे निशाबेन स्वयं  नीलकंठ गाय विज्ञान केंद्र, नागलपर में गोबर शिल्प से सजावट करने की जानकारी प्राप्त की तथा संपूर्ण परिवार के साथ सहेलियों, मित्रों ने मंडप बनाने में जुट गये है। उनके इस नूतन पहल एवं कुछ नया करने के उत्साह के साथ सादगी व राजसी अलंकरण से तैयार किये गये मंडप गौभक्ति को चकाचौंध कर देती है।  
निशाबेन के हाथों में मेंहदी की सुगंध फैलने से पहले गाय के गोबर की पवित्र सुगंध फैल गई और उस सुगंध की सुगंध पूरे केराई परिवार और रिश्तेदारों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने लगी।
 गौ प्रेम एवं गौ संवर्धन की निष्ठा छलकाने वाली इस नूतन पहल की प्रेरणा  मेघजीभाई हिरानी ने दी थी। उन्होंने ही नीलकंठ गाय विज्ञान केंद्र द्वारा केराई परिवार को पर्याप्त सहयोग दिलाया था। 
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