गुजरात : कृषि एवं किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्राकृतिक खेती सर्वोत्तम विकल्प : राज्यपाल आचार्य देवव्रत

गुजरात : कृषि एवं किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्राकृतिक खेती सर्वोत्तम विकल्प : राज्यपाल आचार्य देवव्रत

लागत कम करें और आय दोगुनी, प्राकृतिक खेती से देश को जहरीले भोजन की जगह पौष्टिक भोजन मिलेगा

अमरेली जिले के सावरकुंडला के गणेशगढ़ गांव में राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी की अध्यक्षता में एवं केंद्रीय कैबिनेट मंत्री  पुरुषोत्तमभाई रूपाला की प्रेरक उपस्थिति में सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि शिविर एवं किसान सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कृषि सम्मेलन में उन्होंने पृथ्वी के पुत्रों को गाय आधारित प्राकृतिक खेती के महत्व के बारे में बताया।
राज्यपाल  स्वयं सुभाष पालेकरजी की पद्धति से खेती कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से धरती पुत्र रासायनिक खेती की ओर मुड़ गये थे, जिससे धीरे-धीरे उत्पादन घट रहा है। जिसके कारण  किसानों को खर्च और कर्ज के बोझ तले जीवन यापन करना पड़ रहा है। आज रासायनिक खेती से लोगों को हृदय रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप जैसी खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर वही किसान आज गाय आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाएगा तो उनका उत्पादन दोगुना हो जाएगा और वे जहरीले भोजन के बजाय पौष्टिक भोजन देश का पेट भर सकेंगे।  ऐसा करने से किसान की आय में भी वृद्धि होगी और देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। किसान खुश होंगे तो पूरा देश खुश होगा।
राज्यपाल ने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक कृषि के विकास के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं, भविष्य में प्राकृतिक खेती में लगे किसानों को भी सरकार द्वारा विशेष लाभ दिया जायेगा। इस विधि के प्रयोग से जल की खपत कम होने के साथ-साथ पर्यावरण की भी जतन होगी और आने वाली पीढ़ियों को उपजाऊ भूमि उपलब्ध होगी।
गाय आधारित खेती की वकालत करते हुए राज्यपाल ने आगे कहा कि प्राकृतिक खेती भारत में सबसे अच्छी पारंपरिक खेती है। उन्होंने कहा कि रासायनिक कृषि के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ प्राकृतिक खेती सबसे अच्छा विकल्प है। राज्यपाल ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने के साथ-साथ कीट बनाने की विधि की जानकारी देने का आग्रह करते हुए कहा, "मेरे पास कई देशी गायें हैं और देशी गायों के गोबर से बने इन कीटों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता काफी बढ़ जाती है। " इसलिए देशी गायों का प्रजनन बहुत उपयोगी है।
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री  रूपाला ने अपने सामयिक संबोधन में कहा कि राज्यपाल पूरे गुजरात राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वह हमारे खेतों में हमारे अतिथि के रूप में आते हैं। हम सभी बहुत भाग्यशाली हैं कि राज्यपाल ने स्वयं आज गाय आधारित प्राकृतिक खेती के माध्यम से हमारा मार्गदर्शन किया है और जहरीले भोजन के बजाय पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक भव्य अभियान चलाया है।
कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने प्राकृतिक फार्म में संयंत्र का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती से जुड़े किसान मित्रों को राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन गणमान्य व्यक्तियों ने किया। समारोह में राज्यपाल के साथ-साथ केंद्रीय कैबिनेट मंत्री द्वारा प्राकृतिक कृषि में लगे प्रगतिशील किसान पुत्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। राज्यपाल और गणमान्य व्यक्तियों ने प्राकृतिक खेत का दौरा किया और फसलों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
सांसद नारनभाई कचड़िया, पूर्व विधायक कालूभाई विरानी, ​​ प्रफुलभाई सेंजलिया, जिला कलेक्टर गौरांग मकवाना, जिला पुलिस प्रमुख निर्लीपत राय, जिला विकास अधिकारी दिनेश गुरव, मनुभाई क्याडा, गोविंदभाई क्याडा, गोपालभाई क्याडा, स्वामीनारायण मंदिर के संतश्री, मार्केटिंग यार्ड के प्रमुख घनश्यामभाई, गांव के अग्रणी, ग्राम प्रधान, नेता एवं विभिन्न संगठनों के सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं किसान मित्र उपस्थित थे।
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