गुजरात : जनता का कल्याण और युवाओं को रोजगार सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

गुजरात :  जनता का कल्याण और युवाओं को रोजगार सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

संगठित एवं निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीदी पर वित्तीय सहायता की गो-ग्रीन योजना को मुख्यमंत्री ने किया लॉन्च

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य की जनता का कल्याण और युवाओं को रोजगार उनकी सरकार की प्राथमिकता है। यह बात उन्होंने सोमवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्य के आठ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के विभिन्न ट्रेड के 1300 सुपरवाइजर व इंस्ट्रक्टर को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने श्रमयोगियों के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीदी की गो-ग्रीन योजना को लॉन्च किया। 
 भूपेंद्र पटेल ने राज्य सरकार की सेवा से जुड़ रहे नवनियुक्त सुपरवाइजर एवं इंस्ट्रक्टरों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य राज्य में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। 
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, ऐसा कहने वाले लोग यदि गुजरात की तुलना अन्य राज्यों के रोजगार के आंकड़ों से करेंगे तब उन्हें पता चल जाएगा कि गुजरात में अन्य राज्यों के मुकाबले कितना रोजगार उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व एवं आयोजन में गुजरात सर्वग्राही विकास का रोल मॉडल बना है। रोजगार हो या श्रमिकों की सुरक्षा एवं सुविधा, गुजरात ने आत्मनिर्भर भारत के मार्ग पर चलकर ‘आत्मनिर्भर गुजरात’ बनने का संकल्प किया है। इसके लिए नागरिकों को सभी सुविधाएं आसानी से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो विशेषकर सामान्य मध्यमवर्गीय परिवारों को सरकार की मिलने पात्र योजनाओं का लाभ मुहैया कराने को सरकार सुचारू व्यवस्थाएं करने को कटिबद्ध है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे भी उनको मिलने पात्र योजनाओं का लाभ उठाने की जागरूकता दिखाएं। 
श्री पटेल ने राज्य के संगठित एवं निर्माण कार्य क्षेत्र के श्रमिकों को यातायात के लिए दोपहिया ई-वाहनों की वित्तीय सहायता देने वाली गो-ग्रीन योजना को लॉन्च करते हुए कहा कि जब जलवायु परिवर्तन के बारे में लोगों की जानकारी न्यूनतम थी, तब  नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण की विशेष चिंता करते हुए गुजरात में क्लाइमेट चेन्ज का अलग विभाग शुरू किया था। उन्होंने कहा कि हमने भी उसी मार्ग पर चलते हुए पर्यावरण को कम से कम हानि पहुंचे, वायु प्रदूषण को रोकने और श्रमिकों को वाहन यातायात में आसानी रहे उसके लिए ई-वाहन का दायरा बढ़ाने के लिए गो-ग्रीन जैसी योजनाएं शुरू की हैं। 
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संगठित एवं निर्माण कार्य क्षेत्र के पांच श्रमिकों को ई-वाहन खरीदी की सब्सिडी के चेक भी वितरित किए। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमें प्राणवायु का महत्व समझाया है और लोग भी अपने-अपने इलाकों और घरों के आंगन में ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण कर रहे हैं। अब, इस इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग से भी कार्बन उत्सर्जन को रोककर पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकेगा। 
उद्योगों की मांग के अनुसार आईटीआई पाठ्यक्रमों का किया जाएगा अपग्रेडेशनः श्रम एवं रोजगार मंत्री
गो-ग्रीन योजना के प्रभावी अमल के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग ने शुरू किया मोबाइल एप्लीकेशन व आधुनिक पोर्टल
श्रम एवं रोजगार मंत्री ब्रिजेश कुमार मेरजा ने नवनियुक्त सुपरवाइजरों एवं इंस्ट्रक्टरों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘श्रम एव जयते’ के सूत्र को साकार करने के लिए युवाओं को आधुनिक समय के मुताबिक प्रशिक्षण एवं समय की मांग के अनुरूप कौशलबद्ध प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए राज्य में कार्यरत आईटीआई को प्रोत्साहित करने का भगीरथ प्रयास किया है जो सभी को नई दिशा दिखाएगा। 
श्री मेरजा ने कहा कि शांति, सुरक्षा, स्थिरता और सुशासन राज्य के प्रगति के चार मापदंड हैं। गुजरात में पिछले 27 वर्ष से शांति और सुशासन के परिणामस्वरूप आज विश्वस्तरीय उद्योगों की गुजरात में स्थापना से व्यापक रूप से रोजगार का निर्माण हुआ है नतीजतन सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान कर गुजरात आज रोल मॉडल साबित हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आगामी समय में आधुनिक प्रशिक्षित और कौशलवान युवाओं की उद्योगों की मांग के अनुसार मानवबल उपलब्ध कराने के लिए राज्य में कार्यरत आईटीआई में चल रहे पाठ्यक्रमों का अपग्रेडेशन करने की भी राज्य सरकार की मंशा है। श्रम एवं रोजगार विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती अंजू शर्मा ने उपस्थित महानुभावों एवं आईटीआई में चयनित सुपरवाइजर, इंस्ट्रक्टर तथा लाभार्थियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और गो-ग्रीन योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 
उन्होंने कहा कि राज्य को हरित एवं प्रदूषण मुक्त बनाने तथा श्रमयोगियों को परिवहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गो-ग्रीन योजना लॉन्च की है, जिसके अंतर्गत संगठित एवं निर्माण कार्य क्षेत्र के श्रमिकों को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीदी पर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। संगठित क्षेत्र के श्रमयोगियों को वाहन की कीमत का 30 फीसदी या 30 हजार रुपए की सीमा में सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा। वहीं, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को वाहन की कीमत का 50 फीसदी या 30 हजार रुपए की सीमा में सब्सिडी देने का प्रावधान गो-ग्रीन योजना में किया गया है। इसके अलावा, इस योजना के तहत वाहन के आरटीओ रजिस्ट्रेशन टैक्स तथा रोड टैक्स पर एकमुश्त सब्सिडी भी दी जाएगी। 
उन्होंने कहा कि गो-ग्रीन योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य के श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से मोबाइल एप्लीकेशन और आधुनिक पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट गोग्रीनजीएलडब्ल्यूबी डॉट गुजरात डॉट गुजरात डॉट गॉव डॉट इन भी शुरू किया गया है। इस अवसर पर गुजरात श्रमयोगी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन  सुनील सिंघी, मुख्य सचिव पंकज कुमार, श्रम आयुक्त  पी. भारथी, श्रम एवं रोजगार विभाग के निदेशक  आलोक कुमार पांडे, आईटीआई में चयनित सुपरवाइजर एवं इंस्ट्रक्टर तथा बैटरी ऑपरेटेड दोपहिया वाहन के लाभार्थियों सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 
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