गुजरात : प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

गुजरात : प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साल की छूट देने का फैसला

गुजरात सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी ने कैबिनेट में लिए गए फैसले पर पत्रकारों से बात की। जीतू वघानी ने कहा कि जो छात्र कोरोना के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सके, उन्हें आयु सीमा में एक साल की छूट दी गई है। मुख्यमंत्री ने आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साल की छूट देने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि जीतू वघानी ने कहा कि एक साल की भर्ती में जो भी प्रतियोगी परीक्षा है उनमें से कुछ परीक्षाएं कोरोना के कारण रद्द कर दी गईं ऐसे में कुछ युवा परीक्षा के लिए योग्य नहीं होंगे और परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। ऐसे में उन्हें आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी गई है। सरकार की सीधी भर्ती में यह नियम 1-9-2021 से 31-8-2022 तक लागू रहेगा। स्नातक और समकक्ष डिग्री वाले उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 35 थी, जो अब गैर-आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 36 वर्ष होगी। स्नातक स्तर से नीचे के योग्यता स्तर में गैर-आरक्षित पुरुषों के लिए आयु सीमा 33 वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 34 वर्ष कर दिया गया है। एसटी, एससी और ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पुरुष उम्मीदवारों के लिए इस श्रेणी में स्नातक के लिए वर्तमान आयु सीमा 40 थी, जिसे एक वर्ष बढ़ाकर 41 कर दिया गया है। इस श्रेणी में स्नातक से नीचे की श्रेणी के लिए आयु सीमा 38 थी, जिसे बढ़ाकर 39 कर दिया गया है।
जीतू वघानी ने आगे कहा कि महिला आरक्षित वर्ग में महिलाओं को मिलने वाली 5 साल की छूट के बाद सरकारी भर्ती में 45 साल की उम्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें कोई अतिरिक्त रियायत नहीं दी गई है। ग्रेजुएशन से नीचे की कैटेगरी में महिला रिजर्व में फिलहाल 38 साल की उम्र सीमा है, जिसे एक साल बढ़ाकर 39 साल कर दिया गया है। जबकि स्नातक स्तर को एक वर्ष बढ़ाकर 41 कर दिया गया है। इसलिए एससी, एसटी, ओबीसी और एबीसी स्नातक से नीचे की महिलाओं के लिए आयु सीमा 43 से बढ़ाकर 44 कर दी गई है।
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