गुजरात : सृष्टि की विविधता को बनाए रखने सरकार ने वन्य जीवों के संरक्षण के लिए किए कई आयोजन : सीएम

गुजरात : सृष्टि की विविधता को बनाए रखने सरकार ने वन्य जीवों के संरक्षण के लिए किए कई आयोजन : सीएम

राज्यभर में 583 स्थलों पर जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, वन्य जीव प्रेमी, सेवा संगठन, विद्यार्थी और वन प्रेमी जीवंत प्रसारण में बने सहभागी

वन्य प्राणी सप्ताह के समापन समारोह को मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने किया संबोधित
मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय संस्कृति की सहअस्तित्व की भावना को ‘जिओ और जीने दो’ की संस्कार विरासत से वन्य जीवों के संरक्षण, जतन और संवर्धन के जरिए हमने और सुदृढ़ बनाई है। वन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष गांधी जयंती 2 अक्टूबर से एक सप्ताह के लिए यानी 8 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले राज्यव्यापी वन्य प्राणी सप्ताह के समापन अवसर पर शुक्रवार को गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत कर उन्होंने यह बात कही। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमारी मंशा है कि अनूठी विविधता वाले गुजरात में वन विरासत, वन्य प्राणी सृष्टि और समुद्री जीव सृष्टि सभी की विशेषताओं को बनाए रखते हुए विकास और संवर्धन हो। 
राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री  किरीटसिंह राणा जामनगर से तथा राज्यभर के 583 स्थलों से जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं वन प्रेमी, वन्य जीव प्रेमी, स्वैच्छिक संस्थाएं, वन कर्मी व अधिकारी तथा विद्यार्थी ‘बायसेग’ सेट कॉम के माध्यम से इस समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 अभयारण्य एवं 4 राष्ट्रीय उद्यानों तथा एशियाई शेरों की अद्वितीय संपदा वाले गुजरात में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन के साथ जन को जोड़कर गुजरात ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के वन विभाग ने वन्य जीवों के ट्रैकिंग सिस्टम को ज्यादा मजबूत बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का गहन उपयोग किया है। रेडियो कॉलर सिस्टम, ट्रैकिंग डिवाइस और जीपीएस युक्त वाहन सुविधा, घायल वन्य जीव के उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर और एनीमल केयर एंबुलेंस जैसी तकनीक युक्त सुविधाएं सरकार ने विकसित की हैं। 
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश का गौरव गिर के शेरों की आबादी आज लगभग 674 तक पहुंच गई है। 2015 के मुकाबले 2020 में शेरों की आबादी में 28.87 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। 
उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में मौजूद खुले कुओं के कारण अक्सर दुर्घटनावश वन्य जीवों की अप्राकृतिक मौत हो जाती है। इसे रोकने के लिए सरकार ने गिर जंगल क्षेत्र में खुले कुओं पर पैरापीट यानी रेलिंग या दीवार के निर्माण के लिए पांच वर्ष में 16 करोड़ रुपए का खर्च किया है। गुजरात में वन्य प्राणी सृष्टि की विविधता को बरकरार रखने तथा उसका संवर्धन एवं संरक्षण करने के लिए भी सरकार द्वारा अपनाए गए नवीन दृष्टिकोण की विशेषताओं की जानकारी भी उन्होंने दी। 
श्री पटेल ने कहा कि वेलावदर कालियार राष्ट्रीय उद्यान  में लेसर फ्लोरिकन ब्रीडिंग कार्यक्रम शुरू किया है। गंभीर रूप से संकटग्रस्ट श्रेणी के अंतर्गत आने वाले पक्षियों के साइंटिफिक डेटा प्राप्त करने के उद्देश्य से टैगिंग सिस्टम विकसित किया है। इतना ही नहीं, वन्य प्राणी से संबंधित मसलों या जनता की जरूरत के समय सहायता के लिए 24x7 यानी चौबीस घंटे सातों दिन ऑटोमैटिक रिस्पॉन्स सिस्टम कार्यरत किया गया है। इसके फोन नंबर 8320002000  पर कोई भी व्यक्ति केवल एक एसएमएस या वॉट्सएप कर अपने क्षेत्र के नजदीक के वन अधिकारी या कर्मी से संपर्क स्थापित कर जानकारी या मदद हासिल कर सकता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में सांप के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वॉलंटियर्स और एनजीओ को नियमानुसार व्यवस्थित प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और पंजीकरण की प्रक्रिया को संस्थागत स्वरूप दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि तेंदुओं के रेस्क्यू एवं पुनर्वास की समुचित व्यवस्था विकसित करने के लिए इस वर्ष के दौरान राज्य में दो मेगा रेस्क्यू सह पुनर्वास सेंटर बनाने का आयोजन भी वन विभाग ने किया है। 
वन्य जीव सृष्टि का सम्मान के साथ संरक्षण एवं संवर्धन का भाव जन-जन में उजागर करने में वन्य प्राणी सप्ताह के एक मजबूत संवाहक प्लेटफॉर्म बनने पर उन्होंने वन विभाग को बधाई दी। 
मुख्यमंत्री ने नल सरोवर बर्ड सेंक्चुरी और थोल वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में वर्ष 2000 से 2020 के दो दशकों के दौरान पक्षियों की संख्या में हुई भारी वृद्धि के संकलित विवरण ‘पॉपुलेशन एस्टीमेशन’ का विमोचन भी इस अवसर पर किया। 
वन एवं पर्यावरण मंत्री  किरीटसिंह राणा ने कहा कि वन्य जीव सृष्टि को बनाए रखने में जन सहयोग को प्रेरित करने का नवीन विचार प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने दिया है जिसके चलते वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने वन विभाग की ओर से इस सप्ताह के दौरान किए गए जनजागृति के कार्यों, चित्रकला प्रतियोगिता, परिसंवाद और वार्तालाप आदि की प्रशंसा की। 
वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार सोलंकी ने स्वागत भाषण में वन प्राणी सप्ताह मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स दिनेश कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया। 
इस अवसर पर गांधीनगर से मुख्यमंत्री के साथ वन्य जीव सृष्टि के प्रधान मुख्य वन संरक्षक  श्यामल टिकादर, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव सृष्टि)  एस.के. श्रीवास्तव और अतिरिक्त सचिव पंडित आदि जुड़े थे। 
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