गुजरात : बाढ़ प्रभावित लोगों व पशुपालकों के लिए सहायता के मानकों को और उदार बनाने की सरकार की अनूठी संवेदनशीलता

गुजरात :  बाढ़ प्रभावित लोगों व पशुपालकों के लिए सहायता के मानकों को और उदार बनाने की सरकार की अनूठी संवेदनशीलता

क्षतिग्रस्त झोपड़ों, कच्चे एवं पक्के मकानों, घरेलू सामान और पशु मृत्यु की सहायता में बढ़ोतरी कर आपदाग्रस्त लोगों के साथ खड़ी भूपेंद्रभाई पटेल की सरकार

मुख्यमंत्री  भूपेंद्रभाई पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को गांधीनगर में हुई राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में राज्य में भारी बारिश से असरग्रस्त राजकोट, जूनागढ़ और जामनगर जिले के प्रभावित पशुपालकों एवं क्षतिग्रस्त मकानों व झुग्गियों से प्रभावित लोगों के साथ सरकार पूरी संवेदना से खड़ी है, इस प्रतिबद्धता के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। 
राजस्व मंत्री  राजेंद्रभाई त्रिवेदी और शिक्षा मंत्री जितेंद्रभाई वाघाणी ने मंत्रिमंडल की बैठक के इन निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने भारी बारिश की आपदा के शिकार बने इन तीन जिलों के लोगों और पशुपालकों को उदार सहायता के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के मौजूदा सहायता मानकों के अलावा मुख्यमंत्री  भूपेंद्रभाई पटेल ने अतिरिक्त सहायता देने की संवेदना दिखाई है। 
इस संदर्भ में मंत्रियों ने आगे कहा कि भारी बारिश से घरेलू सामान को पहुंचे नुकसान या बह जाने के मामले में एसडीआरएफ की 3800 रुपए की सहायता में आज मंत्रिमंडल ने अतिरिक्त 3200 रुपए की सहायता जोड़कर प्रति परिवार 7000 रुपए घरेलू समान सहायता देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि तीव्र बरसात के चलते ढह गए झोंपड़ों के मामले में राज्य सरकार ने 5900 रुपए की अतिरिक्त सहायता देने का निर्णय किया है। 
जिसके अनुसार, ढह चुके झोपड़ों के लिए एसडीआरएफ की 4100 रुपए की सहायता में राज्य सरकार के अतिरिक्त 5900 रुपए सहित अब प्रति झोपड़ा 10 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। 
मंत्रिद्वय  राजेंद्रभाई और जीतूभाई ने कहा कि राज्य सरकार ने मकान सहायता के अलावा पशु मृत्यु सहायता और पशु शेड नुकसान के लिए सहायता में भी बढ़ोतरी करने का निर्णय आज की कैबिनेट बैठक में लिया है। 
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भारी बारिश से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकानों के लिए एसडीआरएफ के अंतर्गत मिलने पात्र 5200 रुपए की सहायता के अलावा राज्य सरकार के अतिरिक्त 9800 रुपए मिलाकर अब ऐसे मकानों के लिए प्रति मकान 15 हजार रुपए की सहायता राज्य सरकार देगी। 
उन्होंने आगे कहा कि जो कच्चे मकान भारी बारिश के चलते आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, वैसे मकानों की सहायता में राज्य सरकार ने 6800 रुपए की बढ़ोतरी की है। जिसके अनुसार एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार मिलने योग्य 3200 रुपए की सहायता और अतिरिक्त 6800 रुपए समेत कुल 10 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। राजस्व एवं शिक्षा मंत्री ने अति भारी बारिश की स्थिति में छोटे-बड़े दुधारू पशुओं की मृत्यु पर दी जाने वाली पशु मृत्यु सहायता के मानकों में कैबिनेट बैठक द्वारा की गई बढ़ोतरी की जानकारी भी दी। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गाय और भैंस जैसे बड़े दुधारू पशुओं की मौत के मामले में पहले केवल ३ पशुओं की सीमा में मृत्यु सहायता दी जाती थी। 
मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने पशुपालकों को पशुओं की मौत से हुए नुकसान को लेकर सहानुभूति दिखाते हुए इस दायरे को बढ़ाकर अब 5 पशु की सीमा तक पशु मृत्यु सहायता देने का निर्णय किया है। 
इतना ही नहीं, एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार दी जाने वाली प्रति पशु 30 हजार रुपए पशु मृत्यु सहायता में अतिरिक्त 20  हजार रुपए राज्य सरकार की ओर से देने का भी निर्णय किया है। इस तरह, अब बड़े दुधारू पशुओं की मौत के मामले में पांच पशुओं की सीमा में प्रति पशु 50 हजार रुपए की सहायता पशुपालकों को दी जाएगी। भारी बारिश की इस स्थिति में इन तीन जिलों में भेड़-बकरियों जैसे छोटे दुधारू पशुओं की भी मौत के मामले राज्य सरकार के सामने आए हैं। 
उन्होंने जानकारी दी कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ऐसे छोटे दुधारू पशुओं की मृत्यु सहायता में प्रति पशु 2 हजार रुपए की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। अब ऐसे छोटे दुधारू पशुओं की मृत्यु सहायता प्रति पशु 5 हजार रुपए के हिसाब से राज्य सरकार देगी। मंत्रियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण पशु शेड को भी पहुंचे नुकसान के मामले में एसडीआरएफ के 2100 रुपए के अलावा राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त 2900 रुपए मिलाकर कुल 5000 रुपए की सहायता प्रति पशु शेड देने का निर्णय मुख्यमंत्री ने किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बरसात की इस आपदा में राजकोट, जूनागढ़ और जामनगर जिले के प्रभावितों की मदद के लिए सदैव तत्पर है और इन संशोधिक मानकों के अनुसार सहायता देने के जरूरी आदेश भी दिए गए हैं। 
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