जीएसटी के अजीबोगरीब नियम पराठे पर 18% जबकि रोटी पर 5% जीएसटी, जानिए इसके पीछे का कारण

जीएसटी के अजीबोगरीब नियम पराठे पर 18% जबकि रोटी पर 5% जीएसटी, जानिए इसके पीछे का कारण

गुजरात अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) बेंच ने जीएसटी की दर को लेकर एक नई घोषणा की है

खाद्य उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) की गुजरात बेंच ने फैसला सुनाया है कि पराठों पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। पराठा पसंद करने वालों के लिए यह खबर अच्छी नहीं है। प्राधिकरण ने जीएसटी को रेगुलेट करते हुए पराठे को 18 फीसदी के स्लैब में रखा है। यानी ‘रोटी' पर 5 फीसदी जीएसटी लेकिन पराठे पर 18 फीसदी जीएसटी!
वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने पूछा कि क्या उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए विभिन्न प्रकार के पराठों- खाखरा, चपाती या रोटली पर 5% जीएसटी लागू होगा? अपनी बात पर जोर देने के लिए, कंपनी ने विभिन्न अंग्रेजी शब्दकोशों और विकिपीडिया से पराठा शब्द उधार लिया क्योंकि यह उनके तहत जीएसटी कानूनों और विनियमों में परिभाषित नहीं है।
इस बारे में प्राधिकरण ने कहा कि 'खाकरा', सादा चपाती या 'रोटी' पक गई हो तो इसे खाने के लिए दोबारा पकाने की जरूरत नहीं होती बल्कि ये खाने के लिए तैयार होती है। दूसरी ओर कंपनी द्वारा आपूर्ति किया गया पराठा इससे अलग है लेकिन इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए आगे की प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। एएआर ने अपने आदेश में कहा कि रोटली श्रेणी के उत्पाद पहले से तैयार और पूरी तरह से पके हुए खाद्य पदार्थ हैं जबकि दूसरी ओर पराठों को उपभोग से पहले गर्म करना पड़ता है।
इससे पहले कर्नाटक अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने फैसला सुनाया था कि पराठों पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। रोटी और पराठे पर अलग-अलग जीएसटी लगाने का फैसला सुनाने वाले पीठ ने तर्क दिया कि रोटली एक पूर्व-निर्मित या पूरी तरह से पका हुआ उत्पाद है जब उपभोग के लिए परोसने से पहले पराठे को गर्म करना पड़ता है।
गुजरात अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) बेंच ने जीएसटी की दर को लेकर एक नई घोषणा की है। एएआर ने कहा है कि पापड़ पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। यानी पापड़ पर जीएसटी की दर जीरो होगी। गुजरात की एएआर बेंच ने कहा कि पापड़ पहले हाथ से बनाए जाते थे और इनका आकार गोल होता था। अब पापड़ अलग-अलग प्रकार और आकार में बनाए जाते हैं। गुजरात बेंच ने कहा कि जहां तक अलग-अलग पापड़ बनाने की बात है तो सामग्री के मामले में भी ऐसा ही है। उत्पादन और उपयोग का तरीका भी एक ही है इसलिए पापड़ को एचएसएन १९०५९०४० रेंज में रखा जाएगा और उस पर कोई जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।
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