गुजरात : मात्र 4 अंक से GPSC में नहीं हुआ था सिलेक्ट, आज डेप्युटी कलेक्टर बन चुका है यह युवक

गुजरात : मात्र 4 अंक से GPSC में नहीं हुआ था सिलेक्ट, आज डेप्युटी कलेक्टर बन चुका है यह युवक

कपराड़ा के आदिवासी युवक की कहानी है काफी प्रेरक, लोन लेकर पूर्ण की थी कॉलेज की पढ़ाई

कहते है की मेहनत करने वालों की कभी भी हार नहीं होती। चाहे कितनी भी कड़ी परीक्षा हो, यदि आपकी मेहनत पूरी होगी तो आप उसमें अधिक सफल हो सकते है। कुछ इसी बात की मिसाल पेश की अंभेटी गाँव के इस युवक ने, जो मात्र 4 अंक से GPSC की परीक्षा में असफल रहा था। पर आज युवक अपने परिश्रम के बल पर आज डेप्युटी कलेक्टर बन चुका है। अंभेटी के इस आदिवासी युवक की कहानी हर एक युवक के लिए काफी प्रेरणादायक है। 
अंभेटी के रहने वाले गजेन्द्रकुमार पटेल ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कक्षा 1 से 6 के लिए अंभेटी प्रायमरी स्कूल और कक्षा 8 से 12 की पढ़ाई गोंडल में की थी। इसके बाद अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई SVNIT सूरत से की थी, जहां उन्होंने डिस्टीक्शन पास हुआ था। कॉलेज के दौरान पैसे ना होने के कारण गजेन्द्र को लोन लेनी पड़ी थी। इसके बाद उन्होंने क्लास वन अधिकारी के तौर पर GPSC की तैयारी करनी शुरू की। पर GPSC के क्लास 1 एंड 2 की परीक्षा में वह 4 अंक के कारण सिलेक्ट नहीं हो पाये थे। पर इसे निराशात्मक तौर पर देखने की जगह उन्होंने उसे हकारात्मक तौर पर लिया और अपनी मेहनत को और भी तेज कर दिया। 
1 सितंबर को आए रिजल्ट में गजेन्द्र ने 120 में से 107वां रैंक हासिल किया था। अपनी इस सफलता से वह काफी खुश है। गजेन्द्र कहते है कि उनके इस प्रयास में उनके माता-पिता तथा भाई बहनों ने काफी सहायता की है। खास कर के उनके बड़े भाई ने तो उन्हें काफी सहकार दिया था। जिसके चलते आज उन्होंने यह सिद्धि हासिल की। 
बता दे की गजेन्द्र की माता गृहिणी है और उनके पिता एक निवृत शिक्षक है। वह कहते है की व्यक्ति खुद ही अपनी मर्यादाओं को निश्चित करता है। कभी भी व्यकित अपनी मर्यादाओं का गुलाम नहीं बनना चाहिए। हमेशाल मंजिल की और आगे बढ़ते रहना चाहिए।