गुजरात : बारिश में विलंब की मौजूदा स्थिति में किसानों को सिंचाई के लिए राज्य के जलाशयों से दिया जाएगा पानी

गुजरात :  बारिश में विलंब की मौजूदा स्थिति में किसानों को सिंचाई के लिए राज्य के जलाशयों से दिया जाएगा पानी

राज्य के किसानों की खड़ी फसल को बचाने मुख्यमंत्री का और एक संवेदनशील निर्णय

30 सितंबर तक का पेयजल भंडार जलाशयों में आरक्षित रख शेष पानी किसानों को सिंचाई के लिए देने मुख्यमंत्री का आदेश
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने किसानों की खड़ी फसल को बचाने के कृषि हितकारी दृष्टिकोण से और एक संवेदनशील निर्णय किया है। राज्य में मानसून में विलंब की मौजूदा स्थिति में किसानों की खड़ी फसल को नुकसान से बचाने के लिए पानी उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री ने राज्य के जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने का निर्णय किया है। 
मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी ने जल संसाधन विभाग को आदेश दिए हैं कि राज्य के जलाशयों में आगामी 30 सितंबर तक का पेजयल भंडार आरक्षित रखकर बाकी के पानी को किसानों की खड़ी फसल को बचाने सिंचाई के लिए तत्काल प्रभाव से छोड़ा जाए। 
मुख्यमंत्री के इस किसान हितकारी दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप 30 सितंबर तक राज्य के जलाशयों में पीने के पानी का भंडार आरक्षित रखने के बाद किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा, जिसका लाभ कुल मिलाकर राज्य के पांच लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्र को मिलेगा। 
निर्णय के अनुसार सौराष्ट्र क्षेत्र के 141 बांधों में से 88 जलाशयों में से सिंचाई के लिए पानी देने से सौराष्ट्र की 60 हजार हेक्टेयर जमीन को तथा उत्तर गुजरात में धरोई बांध का पानी 15 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए मिलेगा। 
यही नहीं, मध्य गुजरात के कडाणा जलाशय से मही कमांड को 6 हजार क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा, पानम सहित अन्य 11 जलाशयों से 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। दक्षिण गुजरात क्षेत्र के 6 जलाशयों से दिए जाने वाले पानी से इस क्षेत्र की 1 लाख 90 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व जुलाई महीने में किसानों को 8 के बजाय 10 घंटे बिजली आपूर्ति करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया था। अब, बारिश में देरी की वर्तमान स्थिति में उन्होंने राज्य के जलाशयों में 30 सितंबर तक का पेयजल भंडार आरक्षित रखकर शेष पानी को किसानों को सिंचाई के लिए देने का और एक किसान हितैषी निर्णय किया है। 
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