गुजरात हाईकोर्ट की सरकार को टकोर, आखिर क्यों नहीं हो रही उचित शिक्षकों की भर्ती

गुजरात हाईकोर्ट की सरकार को टकोर, आखिर क्यों नहीं हो रही उचित शिक्षकों की भर्ती

बीच सुनवाई के दौरान ही किया प्रायमरी एज्यूकेशन डिरेकटर को फोन, उपयुक्त शिक्षक ना होने पर भर्ती करने के दिये आदेश

पिछले दिनों कोर्ट में आए एक आवेदन के जवाब में गुजरात हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुये कक्षा 1 से 5 के किसी भी शिक्षक को कक्षा 6 से 8 में ना पढ़ाने देने का आदेश दिया है। जस्टिस ए एस सुपैया के दिये आदेश में कोर्ट ने कहा सरकार का यह निर्णय बच्चों की शिक्षा को जोखिम में डालता है। 1 से 5 में पढ़ाने वाले शिक्षक बड़े क्लास में पढ़ाने के लायक नहीं होते है। तो ऐसे में इस तरह की अनुमति किसने दी? क्या इसके कारण आरटीआई नियम का उल्लंघन नहीं होता। 
एडवोकेट गौरव चुड़ासमा द्वारा गणपतभाई नानजीभाई दभाणी ने हाईकोर्ट में आवेदन दिया था। आवेदन में कहा गया कि सरकार द्वारा फिलहाल कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों को कक्षा 6 से 8 में पढ़ाने को कहा जा रहा है। जो कि नियम के बिलकुल विरुद्ध है। कोर्ट द्वारा सुनवाई के दौरान ही प्रायमरी एज्यूकेशन डिरेक्टर को फोन करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट द्वारा सहायक सरकारी वकील को यह कहा गया कि डिरेक्टर से कहे कि यदि शिक्षक नहीं मिलते तो नई भर्ती करे। पर इस तरह जो शिक्षक उपयुक्त नहीं है उन्हें पढ़ाने के लिए कैसे भेजा जा सकता है। 
हाईकोर्ट द्वार सरकार और स्कूलों पर तंज़ कसते हुये कहा गया कि अयोग्य शिक्षकों को किसी भी हालात में छात्रों को पढ़ाने के लिए नहीं भेजा जा सकता है। एक दिन के लिए भी यह स्वीकार्य नहीं होगा। हालांकि इस बारे में स्कूलों की तरफ से बचाव में कहा गया कि यह सब कुछ सरकारी नियमों के अनुसार ही हुआ है।