गुजरात : अपने पैसों से DTH और मोबाइल रिचार्ज कर बालकों को पढ़ा रहे है सरकारी स्कूल के शिक्षक

गुजरात : अपने पैसों से DTH और मोबाइल रिचार्ज कर बालकों को पढ़ा रहे है सरकारी स्कूल के शिक्षक

अपने पैसो से मोबाइल रिचार्ज कर और केबल डलवाकर बालकों को एक जगह बिठाकर कर पढ़ा रहे है शिक्षक, बालकों के घर जाकर भी पढ़ा रहे है शिक्षक

पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के कारण बालकों को स्कूल में जाकर पढ़ना बंद हो गया है। जिसके चलते सरकार द्वारा वंदे गुजरात और दूरदर्शन के द्वारा ऑनलाइन शिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि अभी भी गुजरात में कई ऐसे छात्र है, जो एक या अन्य कारणों से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे। कुछ ऐसे ही छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा खुद सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने खुद अपने ऊपर ले लिया है। दाहोद के आदिवासी इलाके जैसे कि डबलारा और भिंतोड़ी गाँव के प्राथमिक स्कूल के बच्चे बालकों के हित में अपने खर्च से लोगों के पास से चंदा जमा कर टीवी, केबल और इन्टरनेट की सहायता से बालकों को पढ़ाना शुरू किया है।
पिछले कई समय से गुजरात के दाहोद, अरवल्ली, सुरेन्द्रनगर, अहमदाबाद सहित कई इलाकों में यह कार्य शुरू हुआ है। महामारी के इस समय में कोई भी बालक शिक्षा से वंचित ना रह जाये इसलिए शिक्षक अपनी जेब से इन छात्रों के लिए मेहनत कर रहे है। बालकों के लिए जो व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए वह सरकारी स्कूल के शिक्षक खुद कर रहे है। दाहोद जिले में शिक्षकों ने पिछले साल से ही पुराने टीवी जमा कर बालकों को पढ़ाना शुरू किया था। इसके बाद इस साल डबलारा गाँव के शिक्षकों द्वारा भी यह रीत अपनाई गई। डबलारा स्कूल के शिक्षक का कहना है कि गाँव में छात्रों की अनुकूलता के हिसाब से टीवी लगाकर उन्हें पढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा छात्रों की सोसाइटी में एक निश्चित जगह जाकर भी उन्हें पढ़ाया जाता है।  
(Photo Credit : divyabhaskar.co.in)
इस बारे में स्थानीय वर्तमान पत्र दिव्य भास्कर के साथ बात करते हुये दाहोद के जिला शिक्षणाधिकारी मेहुल परिख ने बताया कि पूरे जिले में टीवी के माध्यम से डीडी और वंदे गुजरात के ऑनलाइन क्लास चलाये जा रहे है। जिसका फायदा हर कोई ले रहा है। अधिकतर छात्रों के पास मोबाइल नहीं है, जिसके चलते शिक्षक अपनी जेब से गाँव में टीवी, डीटीएच की सुविधा उपलब्ध करवा रहे है। बता दे कि कोरोना काल में जहां शिक्षण बंद है, तब भी सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षण को लेकर कोई खास बजट नहीं दिया गया है। 
बात करे मात्र अहमदाबाद कि तो यहाँ कुल 695 सरकारी प्राथमिक स्कूल है, जिसमें 1.5 लाख से भी अधिक छात्र पढ़ाई करते है। कई गांवों में मोबाइल तथा इंटरनेट कि सुविधा नहीं होने के कारण छात्रों को मंदिर के आँगन में भी पढ़ाया जा रहा है।
विरमगाम के जेतापुर गाँव के एक शिक्षक जयंत सथवारा ने तो खुद अपनी गाड़ी में ही ब्लेक बोर्ड और लैपटॉप की व्यवस्था कर बालकों को पढ़ा रहे है। वहीं एक बायड तहसील की एक शिक्षक मित्तलबेन पटेल जो कि गणित-विज्ञान पढ़ाते है, वह हर महीने 6 मोबाइल के रिचार्ज करवाकर देते है। जिसकी सहायता से एक मोबाइल में तकरीबन 5-6 छात्र एक साथ पढ़ सकते है। मित्तल कहती है कि सुबह के समय छात्रों के पिता मजदूरी करते है, इसलिए वह रात के समय बालकों को पढ़ाते है। 
Tags: Gujarat