
इसरो की परीक्षा में प्रथम क्रम हासिल करने वाली गुजरात की त्विशा हुई पद्मश्री के लिए नोमिनेट
By Loktej
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मात्र 18 साल की उम्र में बनी इसरो में जूनियर सायंटिस्ट, गुजरात के छोटे से गाँव से रखती है ताल्लुक
गुजरात के अरवल्ली, मेघरज की रहने वाली और त्विशा चौधरी को पद्मश्री के लिए नोमिनेट किया गया है। मेघरज के अंतरियाल गाँव में से आने वाली त्विशा चौधरी इसरो की इंडियन स्पेस ओलंपियाड में पूरे भारत में प्रथम क्रम पर आई थी। मात्र 18 साल की उम्र में त्विशा ने अपने सपनों को साकार करते हुये अपने माता-पिता सहित पूरे परिवार और अपने गाँव का नाम रोशन किया है।
बचपन से त्विशा को इसरो के प्रति काफी लगाव था। पाँचवीं कक्षा में जब अहमदाबाद साइन्स सिटी द्वारा इसरो के कुछ प्रोजेक्ट का एक्सिबिशन हुआ था। जहां त्विशा ने कुछ लोगों से इसरो के बारे में जानकारी हासिल की थी। इसके बाद त्विशा ने नेशनल साइन्स एक्सेमिनेशन पास की और इंडियन स्पेश ओलंपियाड के लिए सिलेक्ट हुई। इसके लिए त्विशा ने पाँचवीं कक्षा से ही तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि लगातार तीन साल तक त्विशा को इसमें सफलता नहीं मिली। पर इससे उसने हार नहीं मानी। इसके बाद त्विशा ने तीन साल तक और भी परीक्षा के बारे में जानकारी हासिल की।
11वीं कक्षा में त्विशा ने इंडियन स्पेस ओलंपियाड की परीक्षा दी और उसमें पूरे गुजरात में पहले तथा भारत में द्वितीय क्रम हासिल किया। इसके बाद त्विशा ने प्रिलिम्स की परीक्षा भी दी, जिसके मार्क्स के आधार पर त्विशा ने पूरे भारत में प्रथम कर्मांक हासिल किया। इसके बाद इसरो द्वारा त्विशा की जुनियर सायंटिस्ट के तौर पर चुना गया। इतनी छोटी उम्र में इतनी सारी सिद्धि हासिल करने के लिए त्विशा को पद्मश्री के लिए नोमिनेट किया गया है। जिसके चलते पूरे परिवार में खुशी का माहौल फैला हुआ है।
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