आरटीई : कोरोना में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को दी जाएगी प्राथमिकता

आरटीई : कोरोना में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को दी जाएगी प्राथमिकता

25 जून से 5 जुलाई तक चलेगी प्रवेश प्रक्रिया, कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को सबसे पहले मिलेगा प्रवेश

राज्य के तमाम सरकारी और गैर सरकारी विद्यालय में इस शैक्षणिक वर्ष का काम शुरू हो चुका है। इसी में शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 में प्रवेश प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी। राज्य के 10,000 स्कूलों में 25% की दर से 4,000 सीटों पर आरटीई दाखिले के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे। इस वर्ष कोरोना में अपने माता-पिता को खो चुके 40 बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद अपने माता या पिता में से किसी एक को खो चुके 240 को प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है।
आपको बता दें कि कोरोना के कारण इस साल प्रवेश प्रक्रिया दो महीने की देरी से शुरू हो रही है। इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म 25 जून से 5 जुलाई तक भरा जा सकता है। अहमदाबाद शहर के 1487 स्कूलों में 12500 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया की जाएगी। जबकि 193 ग्रामीण स्कूलों के 1708 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया कराई जाएगी।
गौरतलब है कि इस साल कई बच्चों के माता-पिता की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है। ऐसे अनाथ बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें, इसके लिए शिक्षा विभाग ने विशेष प्रावधान किया है। जिसके मुताबिक बाल कल्याण समिति ने 6 से 7 साल के बीच के 40 बच्चों का पता लगाया है। इन बच्चों को कक्षा में प्रवेश में पहली प्राथमिकता दी जाएगी।
सभी डीईओ से आग्रह किया गया है कि ऐसे बच्चों से संपर्क कर प्रवेश दिलाने में सहायता करें। इसके अलावा 240 बच्चे ऐसे हैं जिनके माता या पिता की मौत हो चुकी है। ऐसे बच्चों को दूसरे नंबर पर प्रवेश दिया जाएगा। इनके प्रवेश के बाद ही अन्य बच्चों को प्राथमिकता के अनुसार प्रवेश मिलेगा। आरटीई के तहत बच्चे के घर से छह किलोमीटर के दायरे में प्रवेश दिया जाएगा।