गुजरात : कोरोना काल में बढ़े डायबिटीज के मरीज, सतर्क रहें

गुजरात : कोरोना काल में बढ़े डायबिटीज के मरीज, सतर्क रहें

कोरोना संक्रमित और अस्पताल में भर्ती होने वाले में से 14% से अधिक लोग मधुमेह के शिकार बने

गुजरात में फैला कोरोना संक्रमण धीरे धीरे नियंत्रण में आ रहा है। हालांकि अब कोरोना के बीच कई नए संकट पैदा हो रहे हैं। कोरोना के साथ साथ ब्लैक और फिर वाइट फंगस ने लोगों की जान आफत में डाल रखी हैं, इसी बीच एक नए संकट ने भी अपने पांव जमा लिए हैं. कोरोना से मुक्त होने के बाद से मधुमेह या डायबिटीज से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ हैं। 
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, देश में मधुमेह की राजधानी के रूप में जाने जाने वाले गुजरात में कोविड -19 के बाद से इस बीमारी के रोगियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जर्नल ऑफ डायबिटीज, ओबेसिटी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमित और अस्पताल में भर्ती होने वाले में से 14% से अधिक लोग मधुमेह के शिकार बने। विशेषज्ञों का अनुमान है कि देश में महामारी के दौरान एक करोड़ से अधिक लोग मधुमेह का शिकार हुए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, कोविड पैंक्रियाटिक इन्सुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं पर हमला कर उन कोशिकाओं को खराब कर सकता है। ये डायबिटीज या मधुमेह का कारण बनता है। इसके अलावा, स्टेरॉयड का अति प्रयोग भी मधुमेह को आमंत्रित कर सकता है।
कोरोना संकृत मामलों की बात करें तो गुजरात में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों की संख्या में कमी देखी गई. शनिवार को 30 नए मामले सामने आए. उधर, 8 मार्च के बाद पहली बार कोरोना से सबसे कम छः लोगों की मौत हुई है. गुजरात में कोरोना से अब तक कुल 9991 मौतें हो चुकी हैं। इस तरह गुजरात में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 10 हजार के करीब है. अब तक कुल 7,99,018 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और ठीक होने की दर 97.5% है। राज्य में फिलहाल 10863 एक्टिव केस हैं और 272 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
वहीं टीकाकरण की बात करें तो गुजरात में कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद अब गुजरात देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जहां टीकाकरण की संख्या 2 करोड़ को पार कर गई है। इस तरह गुजरात में प्रति 1 लाख की आबादी पर औसतन 22,500 लोगों ने कोरोना की वैक्सीन ली है। इनमें से दोनों डोज लेने वालों की संख्या 45 लाख है।