गुजरात : 12वीं में मास प्रमोशन के बाद कॉलेजों में पड़ सकती है अध्यापकों की किल्लत, कैसे होगा जुगाड़?

गुजरात : 12वीं में मास प्रमोशन के बाद कॉलेजों में पड़ सकती है अध्यापकों की किल्लत, कैसे होगा जुगाड़?

काफी मंद गति से चल रही है अध्यापकों की नियुक्ति का कार्यक्रम

कोरोना महामारी के कारण राज्य भर के 12वीं कक्षा की परीक्षा कैन्सल कर दी गई है। बोर्ड की परीक्षाओं को कैन्सल कर देने के बाद बच्चों का रिजल्ट बनाने की पूरी ज़िम्मेदारी स्कूलों को दे दी गई है। ऐसे में सभी बच्चों के पास होने की काफी अधिक संभावना बन गई है। ऐसे में कॉलेज के पहले साल में छात्रों की संख्या में काफी इजाफा देखने मिल सकता है। छात्रों की अधिक संख्या से कॉलेजों में अध्यापकों की किल्लत का सामना भी कर सकता है। 
फिलहाल की स्थिति को देखते हुये सरकारी और ग्रांटेड कॉलेजों में काफी संख्या में अध्यापकों की कमी सामने आ रही है। वहीं दूसरी तरह अध्यापकों की नियुक्ति करने की प्रोसेस भी काफी धीमी गति से चल रही है। ऐसे में यदि समय पर अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई तो छात्रों के उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षण देने की बात सिर्फ कागज पर ही रहेगी ऐसा माना जा रहा है। 
राज्य की सरकारी कॉलेजों में 275 अध्यापकों की खाली जगह पर पिछले तीन सालों से नियुक्ति चल रही है। जीपीएससी द्वारा साल 2018 के अप्रैल महीने में सरकारी कॉलेज के अध्यापकों की नियुक्ति के लिए ज्ञापन दिया गया था। साल 2019 में लिखित परीक्षा भी हो गई थी, हालांकि इंटरव्यू सहित आगे की प्रक्रिया बाकी रह गई थी। इसके अलावा ग्रांटेड कॉलेजों में भी 960 अध्यापकों की जगह के लिए नवेंबर 2020 में ज्ञापन दिया गया था। पर पिछले 6 महीनों से यह न्यूकती भी पूर्ण नहीं हुई है। 
महामारी के कारण कई अध्यापकों की मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा साल 2020 और 21 में कई अध्यापक रिटायर भी हो चुके है। ऐसे में नए शुरू होने वाले सत्र में कई तरह की दिक्कतें सामने आ सकती है। बता दे की गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा में इस साल 12 साइन्स के 1.40 लाख और सामान्य प्रवाह के 5.43 लाख इस तरह से कुल मिलाकर 6.83 लाख छात्र दर्ज हुये थे। पिछले साल बोर्ड की परीक्षा में कुल 4.04 लाख छात्र पास हुए थे, पर इस बार परीक्षा के कैन्सल होने से 2 लाख से अधिक छात्र कॉलेज में एडमिशन के लिए अधिक रहेगे। इसके अलावा राज्य की सरकारी और ग्रांटेड कॉलेजों में इस साल मेरिट के कारण हजारों होशियार छात्रों को अन्याय होने की भीती हो रही है।