गुजरातः असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का योगदान राष्ट्र व राज्य की विकास यात्रा में अहमः मुख्यमंत्री

गुजरातः असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का योगदान राष्ट्र व राज्य की विकास यात्रा में अहमः मुख्यमंत्री

असंगठित-निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीयन के लिए मुख्यमंत्री ने ई-निर्माण पोर्टल और एप लॉन्च किया

10 लाख श्रमिकों को यू-विन स्मार्ट कार्ड योजना में शामिल कर आधार से जुड़े स्मार्ट कार्ड के जरिए श्रमिक कल्याण योजनाओं के लाभ देने की सीएम की मंशा 
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन करने की पहल करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी ने कहा कि  भवन निर्माण श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के ऐसे 82 फीसदी छोटे श्रमिकों के परिश्रम के योगदान से ही राष्ट्र और राज्य का विकास संभव है। मंगलवार को गांधीनगर में असंगठित क्षेत्र और भवन निर्माण श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीयन के लिए ई-निर्माण पोर्टल और मोबाइल एप का ई-लॉन्च करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस मौके पर श्रम एवं रोजगार विभाग के मंत्री  दिलीपकुमार ठाकोर भी उपस्थित थे। पोर्टल और एप के जरिए पंजीयन कराने का यह कार्य भी इन-हाउस गुजरात इंफो पेट्रो लिमिटेड (जीआईपीएल) के मार्फत किया गया है, जिसके लिए उन्होंने बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने राज्य की विकास यात्रा की नींव में मौजूद श्रमिकों विशेषकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण के लिए आधार से जुड़ी स्मार्ट कार्ड योजना- यू-विन (असंगठित श्रमिक पहचान संख्या) के अंतर्गत 10 लाख श्रमिकों का पंजीयन कर उन्हें विभिन्न लाभ मुहैया कराने की मंशा जताई है। 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने ‘श्रम एव जयते’ का महिमा मंत्र दिया है, तब श्रमिकों के कल्याण और उनके परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास सहित अन्य मामलों की चिंता करना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि गुजरात की विकास यात्रा में श्रमिक शांति, जीरो मैन डेज लॉस, तालाबंद या हड़ताल रहित गुजरात की जो छवि है, उसमें सभी श्रमिकों का अहम योगदान है।
श्री रूपाणी ने कहा कि ऐसे सभी श्रमिकों के कल्याण की फिक्र करते हुए संतुलन कायम रखने के भाव से श्रमिक वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए यू-विन कार्ड को आधार के साथ जोड़कर एक ही कार्ड से सभी योजनाओं का लाभ देने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्माण क्षेत्र सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ‘लाल डायरी’ से मुक्ति दिलाकर केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ एकमात्र स्मार्ट कार्ड के जरिए प्रदान करने को कमर कसी है। अब तक छह लाख श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री  दिलीप कुमार ठाकोर ने कहा कि राज्य के कुल श्रमयोगियों में से ८२ फीसदी असंगठित क्षेत्र के श्रमयोगी हैं। ऐसे में, इन असंगठित श्रमयोगियों को राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराना जरूरी है। इसलिए सभी असंगठित श्रमयोगियों का पंजीयन तेजी से करने के लिए आज ई-निर्माण पोर्टल और मोबाइल एप को लॉन्च किया है। 
उन्होंने कहा कि अब तक श्रमिकों को अपने कामकाज का समय गंवाकर या छुट्टी लेकर सरकारी कार्यालय में पंजीयन कराने के लिए जाना पड़ता था। अब वे इस ई-पोर्टल और मोबाइल एप तथा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपना पंजीयन करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब से श्रमिकों के रिहायशी इलाकों और कार्यस्थल पर जाकर श्रमिकों का पंजीयन किया जाएगा। इसके लिए गुजरात में  21,291 कॉमन सर्विस सेंटर पर व्यवस्था की गई है। पंजीयन के लिए श्रमिकों को आधार नंबर, बैंक अकाउंट, राशन कार्ड और आय प्रमाण पत्र जैसे सीमित प्रमाण देने होंगे। 
श्री ठाकोर ने कहा कि राज्य में वर्ष 2015 में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन किया गया था जिसमें कुल  9.20  लाख यू-विन कार्ड दिए गए थे। 
असंगठित क्षेत्र के श्रमयोगियों में से भवन निर्माण श्रमिकों के लिए गुजरात मकान एवं बांधकाम श्रमयोगी कल्याण बोर्ड के द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली सहायता के संबंध में उन्होंने कहा कि प्रसूति सहायता योजना के तहत निर्माण श्रमिक की पत्नी को पहले 5,000 रुपए की सहायता तथा 2000 रुपए और औसत रकम दी जाती थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री के संवेदनशील दृष्टिकोण से इस सहायता में 20 हजार रुपए की बढ़ोतरी की मंजूरी से अब कुल 27,500 रुपए की सहायता दी जाती है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भागलक्ष्मी बॉन्ड योजना के अंतर्गत पुत्री के जन्म अवसर पर 10 हजार रुपए का बॉन्ड, राज्य में किसी भी श्रमिक की दुर्घटना में मौत के मामले में श्रमिक के उत्तराधिकारी को मृत्यु सहायता के तहत 3 लाख रुपए की सहाता और निर्माण श्रमिक की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए बांधकाम (निर्माण) बोर्ड से सहायता दी जाती है। 
इस मोबाइल एप और ऑनलाइल पंजीयन के ई-निर्माण पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाने में सहयोग देने वाली कॉमन सर्विस सेंटर और जीआईपीएल के साथ श्रम निदेशक और निर्माण श्रमयोगी बोर्ड के एमओयू का आदान-प्रदान भी मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किया गया। 
इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विपुल मित्रा, श्रम निदेशक आलोक पांडे, निर्माण बोर्ड के सचिव  बीएम प्रजापति, गुजरात इंफो पेट्रो लिमि. के सीईओ महेशभाई गोहिल, कॉमन सर्विस सेंटर के सीईओ राकेश कुमार तथा श्रम एवं रोजगार विभाग के अधिकारी, पदाधिकारी और जिला स्तर पर श्रम अधिकारी एवं कलक्टर वीडियो लिंक के जरिए जुड़े थे। 
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