गुजरातः ‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ लॉन्च करने वाला गुजरात देश का अग्रिम राज्य

गुजरातः ‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ लॉन्च करने वाला गुजरात देश का अग्रिम राज्य

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुजरात की अनूठी पहल

‘पर्यावरण रक्षा के लिए सौर एवं पवन ऊर्जा तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर विशेष जोर’
 विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात की अनोखी पहल के रूप में ‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ लॉन्च कर गुजरात को इस क्षेत्र में अग्रिम राज्य का गौरव दिलाया है। 
मुख्यमंत्री ने राज्य के क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) विभाग की ओर से भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएम-ए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गांधीनगर के विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार की गई ‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों पर कोविड-19 के प्रभाव से संबंधित रिपोर्ट का शनिवार को गांधीनगर में विमोचन किया। 
‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ रिपोर्ट में वर्ष 2030 तक राज्य में क्लाइमेट चेंज अनुकूलन और शमन का आयोजन तथा कदमों का समन्वय किया गया है। मुख्यमंत्री  ने इस रिपोर्ट और स्टेट एक्शन प्लान का विमोचन करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि गुजरात क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों को हल करने के दीर्घकालिक एक्शन प्लान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज के संबंध में जो प्रतिबद्धता दिखाई है, उसे आगे बढ़ाते हुए हमने सतत यानी टिकाऊ विकास किया है। गुजरात 1600 किमी लंबे समुद्री तट, वन, पर्वत और रण (सफेद नमक का रेगिस्तान) जैसी अनेक विविधताओं वाला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के कारण चक्रवात, हीट वेव यानी लू और व्यापक बरसात जैसी प्राकृतिक स्थिति का सामना हम करते आए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात ने पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के लिए सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर विशेष जोर दिया है। 
राज्य में नए थर्मल पावर प्लांट शुरू करने की मंजूरी नहीं देने के साथ ही हमने नौ हजार मेगावाट पवन ऊर्जा और पांच हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न कर हरित और स्वच्छ पर्यावरण की संकल्पना को साकार किया है। उन्होंने कहा कि गुजरात आगामी दिनों में 30 गीगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा का उत्पादन कर इस क्षेत्र में भी अगुवा बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट चेंज और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात ने नई पहल करते हुए जल संरक्षण, जल का पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग ऑफ वाटर), और उपचारित जल के पुनः उपयोग (रीयूज ऑफ ट्रीटेड वाटर) के जरिए जल शुद्धि के नए आयाम अपनाए हैं। 
राज्य में प्रदूषण मुक्त यातायात सुविधाओं के लिए सीएनजी तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रदूषण को रोकने के लिए ९ हजार सीएनजी फिलिंग स्टेशन की स्थापना कर अधिकाधिक लोगों को सीएनजी वाहनों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने की हमारी मंशा है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए भी हमने नीति बनाई है। 
श्री रूपाणी ने आगे कहा कि ऊर्जा बचत, जल संरक्षण, वनीकरण और आपदा प्रबंधन जैसे ज्यादातर क्षेत्रों में क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी पर हमने फोकस किया है। 
सोलर रूफटॉप पॉलिसी, बैटरी संचालित वाहन, ऊर्जा ऑडिट और क्लाइमेट चेंज को लेकर जनजागरूकता के आयाम गुजरात ने अपनाएं हैं। 
देश के कुल सोलर रूफटॉप में से 25 फीसदी अकेले गुजरात में हैं, जिसमें 1.11 लाख घरों का समावेश होता है। यही नहीं, गुजरात ने ऊर्जा क्षेत्र में सौर और पवन ऊर्जा के स्रोतों को अपनाकर 17 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी तथा 12.3 मिलियन टन कोयले की बचत की है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के क्लाइमेट चेंज के निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार गुजरात का यह नया एक्शन प्लान आगामी 10 वर्ष यानी 2030 तक की अवधि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस एक्शन प्लान में नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा बचत, जल संरक्षण, वनीकरण, तटीय और जनजातीय क्षेत्र, पशुपालन, खेती और स्वास्थ्य जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस स्टेट एक्शन प्लान को तैयार करने में आईआईएम-अहमदाबाद और आईआईटी गांधीनगर के विशेषज्ञों के सहयोग की सराहना की। 
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