फिर पटरी पर आयेगा अलंग का शिप-ब्रेकिंग कारोबार, ऑक्सिजन की सप्लाई बहाल होगी

फिर पटरी पर आयेगा अलंग का शिप-ब्रेकिंग कारोबार, ऑक्सिजन की सप्लाई बहाल होगी

कोरोना के केसों में कमी आने के कारण केंद्र सरकार ने ऑक्सीज़न की सप्लाई को फिर से इंडस्ट्रीज के लिए बहाल करने का आदेश दिया

कोरोना की कठिन समय के बीच देश भर में काम-धंधे बंद पड़े है। महामारी के दूसरी लहर के बीच लोगों में ऑक्सीज़न की सप्लाई की कमी होने के कारण सरकार द्वारा हर क्षेत्रों को ऑक्सीज़न का सप्लाई अस्पताल की और डायवर्ट करने के सरकारी आदेश के कारण अब तक अलंग शिप रिसायकलिंग उद्योग पिछले 15 दिनों से बंद था। पर अब कोरोना के केस घटने और अस्पताल में ऑक्सीज़न की जरूरत कम होने पर केंद्र सरकार ने इंडस्ट्रीज को भी ऑक्सीज़न सप्लाई करने की अनुमति दे दी है। जिसके चलते आने वाले कुछ दिनों में ही अलंग उद्योग फिर से शुरू हो जाये ऐसी आशा जगी है। 
भावनगर जिले की आर्थिक रीढ़, अलंग जहाज रीसाइक्लिंग उद्योग मुख्य तौर पर ऑक्सीजन पर निर्भर है। जिसके लिए रोजाना 50 से 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत रहती है। लेकिन अप्रैल में कोरोना महामारी ने देश भर में ऑक्सीजन की कमी पैदा कर दी। नतीजतन, सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कटौती करने और लोगों की जान बचाने का फैसला किया। कोरोना के मुश्किल समय में सरकार के फैसले का शिपब्रेकर्स ने भी स्वागत किया। अप्रैल के मध्य से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण अलंग में शिप कटिंग का काम पिछले 50दिनों से बंद था। लेकिन अब कल से केंद्र सरकार ने उद्योगों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद शिपयार्ड में फिर से काम शुरू हो सकेगा। हालांकि अभी भी पूरी तरह से काम शुरू होने में 15 दिन से एक महीने तक का समय लग सकता है। शिप रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (इंडिया) के संयुक्त सचिव हरेश परमार ने कहा, अगले कुछ दिनों में अलंग उद्योग को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलेगी तो ऑक्सीजन की कमी की समस्या तो हल हो जाएगी। लेकिन लेबर की समस्या शिप कटिंग करने वालों के लिए चिंता का विषय बनी रहेगी। कोरोना की दूसरी लहर में अलंग उद्योग ठप हो गया और जिसके चलते यहाँ काम करने वाले मजदूर भी वापिस चले गए थे। 
ताकि आवश्यकता के विरुद्ध श्रमिकों की संख्या बहुत कम हो, ऑक्सीजन की उपलब्धता मानवशक्ति की कमी के कारण कार्य में तेजी नहीं ला पाएगी। आक्सीजन उपलब्ध होने पर प्रवासी श्रमिकों से अलंग लौटने के लिए भी संपर्क किया जा रहा है।