ताउते चक्रवात : मछुआरों-नाविकों के लिये गुजरात सरकार का ऐतिहासिक 105 करोड़ का राहत पैकेज

ताउते चक्रवात : मछुआरों-नाविकों के लिये गुजरात सरकार का ऐतिहासिक 105 करोड़ का राहत पैकेज

मछुआरों के पुनर्वसन के लिए 25 करोड़ जबकि बंदरगाहों के पुन:निर्माण के लिए खर्च किए जाएगे 80 करोड़

राज्य के इतिहास में पहली बार तूफान की प्राकृतिक आपदा से मछुआरों और छोटे और बड़े बंदरगाहों को हुए नुकसान के खिलाफ 105 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तथा उप मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आयोजित कोर कमेटी ने चक्रवात के खिलाफ व्यापक राहत सहायता पैकेज को मंजूरी दी।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी की अध्यक्षता में मंगलवार को चक्रवात से हुए व्यापक नुकसान से तटीय नाविकों और मछुआरों का पुनर्वास करना और उनका पुनर्वास करने के उद्देश से एक मीटिंग का आयोजन किया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी ने राहत पैकेज की जानकारी देते हुए कहा कि, राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने भारी नुकसान से नाविकों और मछुआरों के पुनर्वास के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ 105 करोड़ रुपये के बड़े पैकेज की घोषणा की है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि गुजरात के तटीय इलाकों में खास करके सौराष्ट्र के जाफराबाद, राजुला, सैयदराजपारा, शियालबेट, नवाबबंदर पॉर्ट्स 220 किमी प्रति घंटे की गति से तूफान की चपेट में आए थे। नतीजतन, मछली पकड़ने वाली नावें, बड़े ट्रॉलर और कुछ किस्सों में पॉर्ट्स को भी काफी नुकसान हुआ है। 
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गुजरात में पोरबंदर से उमरगाम तक के तटीय क्षेत्र की 1600 किमी लंबे समुद्री किनारे पर कई समुद्री परिवार छोटे और बड़े मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों से मछली और झींगा जैसे मछली उत्पादों की खेती करके जीवन यापन करते है। हाल के तूफान ने मछली पकड़ने वाली नौकाओं, फाइबर नौकाओं और ऐसे नाविकों के साथ-साथ मछली पकड़ने वाले परिवारों के घरों, बंदरगाह-जेट्टी पर नाव लंगर और अन्य बुनियादी सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया है। तट के प्रभावित क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान भी, कई समुद्री परिवारों को मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मछली पकड़ने के जाल, ट्रॉलर आदि को भारी नुकसान हुआ, जो उनकी आजीविका का मुख्य आधार थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी सहानुभूति के साथ सागरखेड़ू परिवारों की दुर्दशा में भाग लेकर, समुद्री मछली पकड़ने के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और परिणामस्वरूप प्रभावित मछली पकड़ने वाले परिवारों के लिए 105 करोड़ रुपये के व्यापक राहत पैकेज की घोषणा की है। 
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
मत्स्य पालन के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने से पहले मत्स्य पालन एवं बंदरगाह मंत्री जवाहरभाई चावड़ा और सचिव नलिन उपाध्याय सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने अमरेली, भावनगर, गिर-सोमनाथ बंदरगाहों के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और नौकाओं और मछली पकड़ने वाली नौकाओं का निरीक्षण किया। राज्य सरकार द्वारा जाहीर 105 ककरोड़ के पैकेज में से इसमें से 25 करोड़ रुपये मछुआरे-मछुआरों की नावों, ट्रॉलरों, मछली पकड़ने के जालों आदि को हुए नुकसान की राहत के लिए और 80 करोड़ रुपये मछली बंदरगाह के बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए प्रस्तावित किए है। 
राज्य सरकार द्वारा जारिए किए गए राहत पैकेज की कुछ खास बातें इस प्रकार है।
- जालों/उपकरणों की क्षति के लिए हानि का 50% या रु. 35,000 तक की सहायता जो भी कम हो उपलब्ध होगी।
- आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त छोटी नाव के मामले में 50% या रु. 5,000 जो भी कम हो उपलब्ध होंगे।
- अगर छोटी नाव पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है तो ऐसी नाव की कीमत का 50% या रु. 5,000 जो भी कम हो दिया जाएगा।
- आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त ट्रॉलर, डोलनेटर, गिल नेट्टर बोट के मामले में इसकी कीमत का 50% या रु. 2.00 लाख जो भी कम हो।
- पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ट्रॉलर, डोलनेटर, गिल नेट्टर बोट के मामले में उसके मूल्य का 50 प्रतिशत या रु. 5 लाख जो भी कम हो मिलेगा। इसके अलावा अगर किसी मछुआरे को 10 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है तो राज्य सरकार 2 साल तक बकाया राशि पर 10 फीसदी तक ब्याज सब्सिडी देगी।
- मत्स्य बीज, चारा, उपकरण के लिए इनपुट सब्सिडी 8200 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से प्रदान की जाएगी।
- क्षतिग्रस्त नौकाओं के नाविकों को अधिकतम रु. 2000 की सहाय डीबीटी के माध्यम से दिये जाएग।