गुजरात : जानें कोरोना काल में महापालिकाओं ने निजी अस्पतालों को कितनी भार-भरकम रकम चुकाई

गुजरात : जानें कोरोना काल में महापालिकाओं ने निजी अस्पतालों को कितनी भार-भरकम रकम चुकाई

कोरोना महामारी में अहमदाबाद समेत राज्य के कुछ नगर निगमों ने कुछ निजी अस्पतालों के साथ मिलकर कोरोना मरीजों का इलाज किया

पिछले साल गुजरात में कोरोना महामारी फैलने के बाद अहमदाबाद समेत राज्य के कुछ नगर निगमों ने कुछ निजी अस्पतालों के साथ मिलकर कोरोना मरीजों का इलाज किया जिसका पूरा खर्चा नगरनिगम ने वहन किया।
सन्देश की रिपोर्ट के अनुसार,अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत नगर निगमों ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को कुल 99 करोड़ 72 लाख रुपये का भुगतान किया है। कोरोना की पहली लहर में निजी अस्पतालों में मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए एएमसी ने 67 करोड़ रुपये का भुगतान किया। वहीं कोरोना की दूसरी लहर में एएमसी की ओर से निजी अस्पतालों में मरीजों के मुफ्त इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जबकि इस समय के दौरान एसएमसी ने निजी अस्पतालों को 25 करोड़ 72 लाख जबकि वडोदरा नगर निगम ने निजी अस्पतालों को 7 करोड़ का भुगतान किया है। हालांकि अहमदाबाद की ही तरह राजकोट नगर निगम ने भी निजी अस्पतालों को कुछ भी भुगतान नहीं किया है।
एएमसी अब तक कोरोना महामारी पर 578 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। जिसमें से 258 करोड़ एसवीपी में मरीजों के इलाज पर खर्च किए गए हैं। जबकि 283 करोड़ का खर्चा सैनिटाइजर, किट, मास्क, धन्वंतरि रथ, 108, एंबुलेंस आदि की खरीद के लिए सेंट्रल स्टोर्स को भुगतान के लिए किया गया। सूरत नगर निगम द्वारा कोरोना की पहली के दौरान निजी अस्पतालों को कुल 16,39,14,324 और दूसरी लहर के दौरान निजी अस्पतालों को कुल 9,32,39,319 सहित कुल 25 करोड़ 72 लाख रुपये का भुगतान किया है।
वडोदरा नगर निगम ने शहर के मुस्लिम मेडिकल सेंटर, मेट्रो अस्पताल और वडोदरा जिले के कर्जन में वालन अस्पताल, वाघोडिया तालुका में धीरज जनरल अस्पताल और पारुल अस्पताल सहित पांच अस्पतालों को कुल 7 करोड़ रुपये का भुगतान किया। जिसमें से 1.12 करोड़ रुपये अभी बाकी हैं। राजकोट में कोरोना काल में राजकोट नगर निगम ने विभिन्न कार्यों के तहत 23.50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। नगर निगम द्वारा संचालित अमृत घायल हॉल में एक निजी अस्पताल द्वारा कोविड केयर शुरू किया गया था, जिसका किराया निगम द्वारा प्रतिदिन 1.50 लाख रुपये लिया जाता था।