गुजरात : शिक्षक का पेशा पैसा बनाने का जरिया नहीं, नोबल प्रोफेशन है : मुख्यमंत्री

गुजरात : शिक्षक का पेशा पैसा बनाने का जरिया नहीं, नोबल प्रोफेशन है : मुख्यमंत्री

हमें ऐसी भावी पीढ़ी तैयार करनी है जो भारत को प्रधानमंत्री की संकल्पना का आत्मनिर्भर भारत और विश्वगुरु बनाए

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के गैरसरकारी अनुदानित उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में नवनियुक्त 2938 शिक्षा सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी के निर्माण में माता-पिता से भी ऊंचा स्थान शिक्षक समुदाय का है, जिसे आपको अपने कृतित्व से और भी जाज्वल्यमान बनाना है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को गांधीनगर में प्रतीक स्वरूप पांच नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। राज्य के जिला मुख्यालयों में जिला कलक्टरों ने नियुक्ति पत्रों का वितरण किया। इस कार्यक्रम का वीडियो लिंक के जरिए जिला स्तर पर भी प्रसारण हुआ। 
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपरा में भी ‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े...’ नामक संत कबीर दास के लिखे दोहे के जरिए यह बताया गया है कि गुरु की कृपा रुपी प्रसाद यानी ज्ञान देने की उसकी क्षमता से गोविंद यानी ईश्वर के दर्शनों का सौभाग्य भी मिल सकता है। 
मुख्यमंत्री ने शिक्षक के पेशे को नोबल प्रोफेशन करार देते हुए यह भी कहा कि यह पेशा पैसा बनाने का जरिया नहीं है अपितु समाज की उच्च संस्कार युक्त और चारित्र्यवान भावी पीढ़ी का निर्माण करने का उत्तम सेवा दायित्व का अवसर यह पेशा उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्कूल कोरोना काल के दौरान बंद थे, लेकिन पढ़ाई-लिखाई का काम जारी था। शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों को किसी विषय की पढ़ाई में तकलीफ या रुकावट न आए उसके लिए राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में भी फेसलेस और पेपरलेस तरीके से पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर गुणवत्ता की कसौटी पर परखते हुए इन नवनियुक्त शिक्षकों का चयन किया है। इसके लिए उन्होंने शिक्षा विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में राज्य के स्कूलों में लगभग 14 हजार शिक्षकों की भर्ती इस सरकार ने की है। 
श्री रूपाणी ने आगे कहा कि ऑनलाइन शिक्षा का नवीनतम दृष्टिकोण अपनाते हुए राज्य सरकार ने कोरोना काल में इस बात का भी ख्याल रखा कि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो। शिक्षक समुदाय की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम के कार्य में भी बतौर कोरोना वॉरियर्स शामिल होकर इस समुदाय ने बेहतरीन कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने इन नवनियुक्त शिक्षकों को सीख देते हुए कहा कि हमें एक ऐसी भावी पीढ़ी तैयार करनी है जो भारत को प्रधानमंत्री की संकल्पना का आत्मनिर्भर भारत और विश्वगुरु भारत बनाए। 
इतना ही नहीं, नैतिक जुड़ाव के साथ शिक्षा से राष्ट्रनिर्माण में सिंचित और चारित्र्यवान तथा चुनौतियों का सामना करने को तैयार पीढ़ी के निर्माता बनने का उम्दा सेवादायित्व पूरी निष्ठा से निभाने का उन्होंने अनुरोध किया। 
शिक्षा मंत्री  भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा ने अपने वक्तव्य में राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों के हित में राज्यव्यापी ब्रिज कोर्स शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि मास प्रमोशन प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पिछली कक्षा के मुख्य विषयों की महत्वपूर्ण प्रकरणों को समझाने के लिए यह ब्रिज कोर्स आवश्यक है। 
उन्होंने कहा कि आम तौर पर विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष तौर पर सीखने की और शिक्षकों को विद्यार्थियों से रूबरू होकर सिखाने की आदत होती है। कोरोना के कारण विद्यार्थी प्रत्यक्ष शिक्षा से वंचित रहे हैं और मास प्रमोशन भी मिला है, ऐसे में यह जरूरी है कि शिक्षक ब्रिज कोर्स के जरिए विद्यार्थियों को नए विषय पढ़ने को तैयार करें। आज जो विद्यार्थी कक्षा ग्यारहवीं में हैं उन्होंने नौवीं और दसवीं कक्षा की परीक्षा नहीं दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को कायम रखने के लिए ब्रिज कोर्स अति उपयोगी साबित होंगे। 
शिक्षा सचिव डॉ. विनोद राव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मानवबल का प्रबंधन और बुनियादी ढांचे में सुधार का राज्य सरकार का संकल्प है। ऐसे में, सरकारी माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 1800 शिक्षा सहायकों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं और आज गैरसरकारी अनुदानित उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के 2938 शिक्षा सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। इन नियुक्तियों के चलते राज्य में शिक्षक-विद्यार्थी का अनुपात 30ः1 से भी कम हो जाएगा। 
मुख्यमंत्री ने गांधीनगर में प्रतिनिधि शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए और चयनित शिक्षकों में से दो शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने विचार व्यक्त किए। इसमें जनजातीय क्षेत्र छोटाउदेपुर जिले में नवनियुक्त पृथ्वीराज सिंह ने पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के आधार पर हुई भर्ती के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। 
इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती विभावरीबेन दवे, संयुक्त निदेशक एच.एन. चावड़ा गांधीनगर में उपस्थित थे। जिला कलक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी और नवनियुक्त शिक्षा सहायक वर्चुअल तरीके से कार्यक्रम में शामिल हुए। 
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