विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए कहीं वैक्सिन के दूसरे डोज का इंतजार महंगा न पड़ जाए

विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए कहीं वैक्सिन के दूसरे डोज का इंतजार महंगा न पड़ जाए

दो टीके के बीच तीन महीने के अंतर के नियम के कारण हो सकता है छात्रों का पूरा साल खराब, जल्द वैक्सीन दिलवाने की व्यवस्था करने की मांग की गई

कोरोना के कारण विश्व के अधिकतर देशों ने उनकी सीमा में प्रवेश करने के लिए संपूर्ण टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। जिसके कारण गुजरात के छात्र और व्यापारी वर्ग को काफी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि फिलहाल वैक्सीन के दो डोज़ के बीच 180 दिन का समय अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में जब तक टीका नहीं लग जाता छात्र विदेश नहीं जा सकते, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पर असर हो सकती है। यदि समय पर टीका नहीं मिलता है तो कई छात्र अपना एक सेमेस्टर मिस कर देंगे या तो हो सकता है उन्हें अपना पूरा साल भी बिगाड़ना पड़े। जिसके लिए छात्रों द्वारा सरकार से इस बारे में मुंबई और कैरल की तरह अलग से व्यवस्था शुरू करने की मांग की गई है। 
इस समस्या के लिए मुंबई कॉरपोरेशन ने जिन विद्यार्थियों का एडमिशन तय हो चुका है उनके लिए वैक्सिन सेंटर शुरू किया है। यह 31 मई से 2 जून तक चलेगा जबकि, केरल की सरकार ने कोविड-19 सर्टिफिकेट पर पासपोर्ट का नंबर लिखने की व्यवस्था की है। उनका कहना है कि विद्यार्थियों को दिक्कत नहीं हो इसलिए हमने यह व्यवस्था की है। यह सर्टिफिकेट को कोविड-19 पोर्टल  पर भी उपलब्ध है। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर को भी इस तरह के सर्टिफिकेट देने की छूट दी गई है। जिन लोगों ने पहला डोज ले लिया है उनके लिए लंबा इंतजार जरूरी नहीं है वह 4 से 6 सप्ताह के भीतर दूसरा डोज ले सकते है। 

कई देशों ने वैक्सिन पासपोर्ट पद्धति अपनाई है। वह लोग चाहते हैं कि उनके देश में आने वाले व्यक्ति ने कौन सा वैक्सिन लगवाया है। वह भी सर्टिफिकेट पर लिखा हो इसलिए वह सर्टिफिकेट पर वैक्सीन का नाम भी जानना चाहते हैं। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस प्रकार के वैक्सिन पासपोर्ट को कोई सहमति नहीं दी है। आपको बता दें कि को-वैक्सीन को अभी तक विश्व आरोग्य संस्था की ओर से मंजूरी नहीं मिली है। 
अमेरिका में जाने वाला विद्यार्थी यदि ऐसा विश्वास दिलाता है कि वह वहां जाने के बाद डब्ल्यूएचओ मान्यता आधारित वैक्सिन 72 घंटे में लगवा लेगा तो उसे जाने की छूट दे दी जाएगी। ऐसी खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई थी। आपको बता दें कि वैक्सिन को लेकर सभी देशों ने अपने नियम बनाए हैं। कनाडा की वेबसाइट पर कोविशिल्ड को मंजूरी दी गई है लेकिन को-वैक्सीन को नहीं। कनाडा में कोविशिल्ड टीका ले चुके लोगों को होटल क्वारंटाइन से मुक्ति दी गई है, वह होम क्वारंटाइन में रह सकते हैं। पर यदि किसी ने को -वैक्सिन ली हो तो उन्हें 12 दिन क्वॉरेंटाइन में रहना होगा, जिसका खर्च डेढ़ लाख रुपए तक आ सकता है। इसलिए कई लोग चिंता में है।