गुजरात : टीके वेस्ट हो रहे थे, राज्य सरकार ने ये उपाय किया

आधे से भी कम किए टीकाकरण केंद्र, हर केंद्र पर बढ़ाई टीके की मर्यादा; अधिक केंद्र होने से हर केंद्र पर होता था टीके का व्यय

देश भर में कोरोना के टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि टीकाकरण के इस कार्य के दौरान कई सारे डोज़ के वेस्ट होने की खबरे भी सामने आई है। जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। वैक्सीन को वेस्ट होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा टीकाकरण के रीशेड्यूलिंग के दौरान टीकाकरण केन्द्रो की संख्या 2800 से घटाकर 1300 कर दी गई है। वही जहां इसके पहले हर केंद्र पर 30 से 50 डोज़ दिये जाते थे। अब हर केंद्र पर 100 डोज़ दिये जाएँगे। 
सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल राज्य सरकार के आरोग्य विभाग के पास टीके के 14 लाख डोज़ है। जिसमें से राज्य सरकार द्वारा 8 लाख डोज़ खरीदे गए है और केंद्र सरकार द्वारा 6 लाख टीके दिये गए है। पहले सभी केन्द्रो पर 30 से 50 टीके के डोज़ दिये जाते थे। हालांकि इसमें टीके का व्यय काफी ज्यादा होता था। इन सब में कोविशील्ड टीके का व्यय मात्र 0.7 प्रतिशत था। हालांकि कोवेकसिन के टीके में 20 टीके का वायल आता है, जिसके कारण उसका व्यय ज्यादा होता था। राज्य में कोवेकसिन टीके का व्यय 6.7 प्रतिशत था। इसलिए सरकार द्वारा टीकाकरण केंद्र कम कर दिया है। 
बता दे की आरोग्य विभाग द्वारा जो 1300 केंद्र चल रहे है उसमें 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए 1000 केंद्र और 18 से 44 साल के लोगों के लिए 300 केंद्र निश्चित किए गए है। बता दे की इसके पहले केंद्र सरकार द्वारा जाहीर किए वैक्सीन का व्यय करने वाले 5 बड़े राज्यों में गुजरात 3.61 प्रतिशत व्यय के साथ दूसरे स्थान पर था।