गुजरात के इस गाँव ने बिना किसी नेता की सहायता से बनाया 100 बेड का कोविड सेंटर

गुजरात के इस गाँव ने बिना किसी नेता की सहायता से बनाया 100 बेड का कोविड सेंटर

मरीज के साथ उसके परिवार के लिए भी है रहने और खाने की व्यवस्था, एक्स-रे और लैब रिपोर्ट की सुविधा भी मुफ्त

देश और राज्य में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद अस्पताल में बेड ना मिल सकने के कारण कारण अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्पिटल के बाहर कतार में कतार में खड़े मरीजों का इलाज के अभाव के कारण मौत हुये होने के भी कई किस्से सामने आए हैं। अस्पतालों की इस परिस्थिति को देखते हुए कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा आइसोलेशन वोर्ड भी शुरू किए गए है। राज्य में बढ़े हुये कोरोना संक्रमण के कारण भाजपा प्रदेश प्रमुख मे सभी विधायकों और सांसदो को अपने मत विस्तार के लिए 100 बेड के आइसोलेशन वोर्ड की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये है। 
लांकि इन सबके अलावा आज हम गुजरात के एक ऐसे गाँव की बात करने जा रहे है, जिसने बिना सरकार की मदद के ही फंड एकत्रित कर सभी का समयसर इलाज हो सके इसलिए 100 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया है। यह गाँव है भरूच जिले में आया हुआ टंकारिया गांव, जहां के अधिकतर लोग विदेश में रहते है। हालांकि गाँव वालों ने फिर भी यहाँ रहने वाले लोगों से ही फंड एकत्रित कर गाँव में आए मदरेसा में 100 बेड का कोविड़ सेंटर शुरू किया है। इस कोविड़ सेंटर के अंदर इलाज करवाने वाले मरीज के लिए ऑक्सीज़न से लेकर मरीज के परिजनों को रहने और खाने की भी सुविधा है। इसके अलावा लेब और एक्स-रे की सुविधा भी फ्री में दी जा रही है। 
उल्लेखनीय है की महामारी के समय में जब जनप्रतिनिधि कहलाने वाले नेता मदद के लिए आगे नहीं आए तो गाँव के लोगों ने खुद ही फंड एकत्रित कर बीमारी के सामने अपने तरीके से ही लड़ने का निर्धार कर लिया है। बिना किसी राजनैतिक सहायता के ही जिस तरह टंकारिया गाँव इस महामारी के सामने खड़ा हुआ है वह सच में काबिले तारीफ है।