अब अकेले RT-PCR रिपोर्ट का भी भरोसा नहीं है, लक्षण दिखें तो इलाज कराएं

अब अकेले RT-PCR रिपोर्ट का भी भरोसा नहीं है, लक्षण दिखें तो इलाज कराएं

कई मामले आए सामने जहाँ दो अलग-अलग रिपोर्ट्स में अलग-अलग आ रहे है परिणाम

कोरोना का संक्रमण एक बार फिर चरम पर है। दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में सरकार सभी नागरिकों को सावधानी रखने और किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर कोरोना जाँच कराने का अनुरोध किया है। दरअसल कोरोना का संक्रमण शरीर में सबसे अधिक लीवर और फेफड़े को नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन हैरानी की बात है कि कोरोना के परिक्षण को लेकर कुछ अनिश्चितता देखी गई है लेकिन आरटी-पीसीआर को सबसे सटीक परिक्षण माना गया है। आरटी-पीसीआर के परिणाम रैपिड परीक्षण की तुलना में अधिक सटीक हैं। इसके बाद भी ऐसे कई मामले देखे गए है कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी व्यक्ति के शरीर में संक्रमण का प्रभाव देखा गया। हाल ही में अहमदाबाद में भी ऐसे मामले सामने आए है।
गौरतलब है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट के कुछ परिणामों में खामी के कारण अब एचआर -पीसीआर टेस्ट को वरीयता दी जा रही है। इस एचआर -पीसीआर टेस्ट में 25 अंकों का टेस्ट होता है जिसमें से यदि 8 अंक आते है तो व्यक्ति को माइल्ड, 9 से 15 के बीच मोड़रेट और यदि स्कोर 15 से अधिक है तो व्यक्ति को गंभीर संक्रमण है।