गुजरात : फिर पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिक, काम का अभाव और कोरोना का डर!

गुजरात : फिर पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिक, काम का अभाव और कोरोना का डर!

कोरोना के बढ़ते केस और बेरोजगारी की स्थिति देखते हुये अधिक से अधिक लोग कर रहे है पलायन

गुजरात में बढ़ रहे कोरोना के कारण सरकार द्वारा कड़े नियंत्रण लगाए जा रहे है। नाइट कर्फ़्यू के अलावा भी शनि-रवि के नियंत्रण जैसे कई नियंत्रण के कारण बाहर के राज्यों में से आए श्रमिकों को फिर से लोकडाउन का भय सता रहा है। ऐसे में अन्य राज्यों में से आए श्रमिक फिर से अपने वतन की और वापिस जाने लगे है। पिछले साल के लोकडाउन की तरह ही श्रमिक फिर से ट्रेन या अन्य माध्यम से स्थलांतर करने लगे है। 

गुजरात में अहमदाबाद और सूरत से श्रमिक वापिस लौटने लगे है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा यदि इस पलायन को रोका नहीं गया तो फेकटरी और काम फिर से ध्वस्त हो सकते है। बढ़ रहे केसों के कारण श्रमिक सुरक्षा के चलते अपने वतन दौड़ने लगे है। दूसरा कारण यह है की कोरोना को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार द्वारा 50 प्रतिशत स्टाफ के नियम के कारण रियल एस्टेट, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, डायमंड और अन्य कारखानों में कम स्टाफ के साथ शुरू हो रहे है। जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ रही है। 
राज्य में से प्रतिदिन 35 से 40 हजार लोग अपने वतन की और रवाना हो रहे है। मात्र सूरत में से ही प्रतिदिन 25 हजार से अधिक श्रमिक रवाना हो रहे है ऐसे अहवाल सामने आ रहे है। विभिन्न बस ओपरेटरों द्वारा हर दिन लगभग 100 बसें दौड़ाई जा रही है। इन सभी बसों में जहां 50 से 60 जन के बैठने की क्षमता है वहाँ 100 से 120 लोगों को बैठाकर ले जाया जा रहा है।