गुजरात : ऑक्सिजन अस्पतालों के लिये आरक्षित होने पर अलंग के शिप ब्रेकिंग उद्योग पर पड़ा प्रभाव

गुजरात : ऑक्सिजन अस्पतालों के लिये आरक्षित होने पर अलंग के शिप ब्रेकिंग उद्योग पर पड़ा प्रभाव

महामारी के कारण सरकार ने 70 प्रतिशत ऑक्सीज़न का सप्लाई अस्पतालों की और कर दिया है डायवर्ट

राज्य में कोरोना के केसों ने कोहराम मचा रखा है। कोरोना के केसों से निपटने के लिए और इस दौरान ऑक्सीज़न की कमी को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा ऑक्सीज़न उत्पादित करने वाली कंपनियों को 70 प्रतिशत गेस अस्पतालों के लिए रिजर्व रखने का आदेश दिया है। जिसके चलते अन्य उद्योगों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। ऑक्सीज़न का इंडस्ट्रियल वर्क के लिए कम सप्लाई होने के कारण अलंग के शिप ब्रेकिंग उद्योग पर भी काफी बड़ा प्रभाव पड़ा है। 
कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को लाचार कर दिया है। अचानक से बढ़े कोरोना के कारण मरीजों को ऑक्सीज़न की काफी कमी हो रही है। जिसके चलते ऑक्सीज़न का अधिकतर सप्लाई अस्पतालों की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है। इसकी सीधी असर अलंग के शिप ब्रेकिंग के काम पर पड़ी है। ऑक्सीज़न का सप्लाई उचित मात्र में ना मिलने के कारण पूरा कामकाज ठप्प हो गया है। 
शिप रिसायकलिंग असोशिएशन के जाइंट सेकेटरी हरेश परमार ने बताया की शिप ब्रेकिंग के लिए ऑक्सीज़न अनिवार्य है। पर कोरोना महामारी के कारण अभी ऑक्सीज़न की सप्लाई पूरी तरह से नहीं मिल पा रही है। बता दे कि अलंग में रोजाना 70 से 100 टन ऑक्सीज़न कि जरूरत पड़ती थी। जो कि अलंग के अलावा अहमदाबाद और जामनगर से पूरी होती है। इसके पहले सितंबर महीने में शिपब्रेकिंग सहित सभी उद्योगों में ऑक्सीज़न की अनियमितता के कारण शिप ब्रेकिंग का काम अटक गया था।