सूरत : स्कूलों में मास प्रमोशन के बाद निजी शाला संचालकों को डर, अभिभावक फीस नहीं भरेंगे!

सूरत : स्कूलों में मास प्रमोशन के बाद निजी शाला संचालकों को डर, अभिभावक फीस नहीं भरेंगे!

मास प्रमोशन के सामने ऑनलाइन परीक्षा अच्छा विकल्प

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुजरात सरकार ने 10 से 25 मई के बीच आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला किया है। साथ ही राज्य सरकार ने कक्षा 1 से 9 और 11वीं के छात्रों को बिना किसी परीक्षा के प्रमोट करने का भी फैसला किया है। इस बात की जानकारी देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गुजरात सरकार ने 10 से 25 मई के बीच होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला किया है। इसके साथ ही कक्षा 1 से 9 और 11वीं के छात्रों को प्रमोट करने का भी फैसला किया गया है। 15 मई को कोरोना वायरस स्थिति की समीक्षा करने के बाद नई तारीखों की घोषणा की जाएगी।
अब इस घोषणा से 16 हजार निजी विद्यालयों के संचालकों के बीच एक अलग ही डर देखा जा रहा है। संचालकों का कहना है कि पहले ही पिछले साल ऑनलाइन क्लास के कारण 20 से 30 प्रतिशत अभिभावकों ने फीस नहीं जमा की, वहीं अन्य अभिभावकों में भी लगभग आधी ही फीस जमा की। इसके अलावा 7 से 10 प्रतिशत विद्यार्थी भी विद्यालय छोड़ के चले गए। ऐसे में विद्यालय चलाना बहुत कठिन हो चुका है। 
इसके अलावा विद्यालय में फी को लेकर प्रशासन ने कुछ खास नियम निकाले है और इसके अंतर्गत विद्यालय अतिरिक्त सेवाओं जैसे वाहन सुविधा, खाना या अतिरिक्त खेल के लिए लिए जाने वाले  फीस की मांग नहीं कर सकते। ऐसे में विद्यालय अपने कर्मचारियों की पगार देने में भी मुश्किलों का सामना कर रहा है। ऐसे में निजी विद्यालयों ने सरकार से मास प्रमोशन के बदले ऑनलाइन एग्जाम कराने की मांग की है। इसके अलावा एक विचार ये दिया गया कि मास प्रमोशन के लिए विद्यालय से फी जमा होने का प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य कर दे। साथ ही आत्मनिर्भर लोन के हप्ते पांच वर्ष के लिए और ब्याज के ग्रांट को हर तीन महीने चुकाने के निर्णय की मांग की हैं।
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