झायड्स की कोरोना वैक्सीन दो-तीन माह में आ सकती है, जानें कंपनी के ग्रुप चेरमेन पंकज पटेल क्या कहते हैं

झायड्स की कोरोना वैक्सीन दो-तीन माह में आ सकती है, जानें कंपनी के ग्रुप चेरमेन पंकज पटेल क्या कहते हैं

फाइनल फेज के क्लीनिकल रिपोर्ट के अप्रूवल का इंतजार, लेने होंगे तीन डोज़

राज्य में चल रही कोरोना की महामारी के बीच एक राहत के समाचार झायडस कंपनी की तरफ से मिल रहे हैं। कंपनी द्वारा विकसित की हुई कोरोना की नई वैक्सीन आने वाले मई महीने के अंत में या जून महीने की शुरुआत में आ सकती है। ऐसी जानकारी झायडस ग्रुप के चेयरमैन पंकज पटेल ने दी है। गुजरात सहित देश के सभी राज्य में जहां कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही का तांडव मचाया है। कोरोना में इस्तेमाल आने वाली सभी दवा, इंजेक्शन और इलाज की व्यवस्था कम पड़ रही है, ऐसे मेँ झायडस द्वारा दी गई यह सूचना काफी अच्छे संकेत हैं। 
संदेश की रिपोर्ट के अनुसार, झायडस द्वारा विकसित झायकोवी-डी नाम की इस वैक्सिन के ट्रायल के तीनों फेज पूर्ण हो चुके हैं। फिलहाल कंपनी द्वारा मात्र तीसरे फेज के क्लीनिकल अप्रूवल के रिपोर्ट की राह देखी जा रही है। अप्रूवल मिलने के बाद यह टीका बाजार में उपलब्ध हो सकता है। 
इस बात की पुष्टि देते हुए झायडस के चेयरमैन पंकज पटेल ने कहा कि, फेज तीन के क्लीनिकल रिपोर्ट को परमिशन मिले मात्र उसकी राह देखी जा रही है। सरकार जितनी जल्द इस रिपोर्ट को अप्रूवल देगी, उतनी ही जल्द हम टीके बाजार में उपलब्ध करवा सकेगे। अधिक जानकारी देते हुए पंकज पटेल ने बताया कि प्रारंभिक चरण में हर महीने एक करोड़ डोज़ बनाने की क्षमता से काम किया जाएगा। फिलहाल जो दो वैक्सिन दी जा रही है, वह इंट्रा मस्कुलर टीके है, जबकि झायडस द्वारा बनाई झायकोवी-डी डीएनए बेज वैक्सीन है। फिलहाल दिए जा रहे दोनों टीके के दो डोज़ सभी को दिए जा रहे हैं, पर इस वैक्सीन के तीन डोज़ लेने रहेंगे। 
पंकज पटेल का कहना है कि, अब सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी जल्दी सरकार की तरफ से झायडस के टीके को अप्रूवल मिलता है यदि यह सफल रहता है तो हो सकता है कि टीके की कमी की शिकायतों को कम किया जा सके।