गुजरात : कोरोना की मार प्रतिष्ठित मंदिरों की तिजोरियों पर भी, दान में आई कमी

गुजरात : कोरोना की मार प्रतिष्ठित मंदिरों की तिजोरियों पर भी, दान में आई कमी

कोरोना के कारण 20 से 55 प्रतिशत तक हुआ मंदिरों में आने वाला दान, सबसे ज्यादा सोमनाथ मंदिर को हुआ नुकसान

वर्तमान में राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी पर है और इसी कारण राज्य भर में कई सारे प्रतिबंध लगा दिए गए है। इन प्रतिबंधों की असर गुजरात के प्रसिद्ध मंदिरों पर भी हुई है। इन मंदिरों में दान का अनुपात काफ़ी कम हो गया है। राज्य में चार प्रमुख मंदिरों द्वारा प्राप्त दान के आंकडे बताते हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2020-21 में इसमें औसत लगभग 37% गिरावट देखी जा रही है। इनमें वेरावल में सोमनाथ मंदिर, द्वारका शहर में द्वारकाधीश मंदिर, बनासकांठा में अंबाजी मंदिर और डकोर में रणछोड़राय मंदिर का नाम शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मात्र आय पर आधारित इन मंदिरों की सीमा 20% से 55% है और ऐसे में इन मंदिरों के संग्रह 2019-2020 में 119.35 करोड़ रुपये से घटकर 2020-21 में 74.91 करोड़ रुपये हो गए हैं। दान की सबसे बड़ी गिरावट सोमनाथ मंदिर पर देखी गई है, जहां 2019-2020 में जो दान 44 करोड़ रुपये मिला था वह 2020-21 में 20.24 करोड़ हो गई। श्री सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के सचिव पी के लाहेरी का कहना है कि"इस साल कोविद की स्थिति के कारण दान में 50% से अधिक गिरावट दर्ज की गई है।राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान मंदिर को लंबे समय तक बंद रखा गया था और इस दौरान मंदिर प्रणाली भी प्रभावित हुई है।"
वहीं अंबाजी मंदिर की बात करें तो मंदिर ने 2020-21 के लिए प्राप्त दान में सामान्य गिरावट देखी है। 2019-2020 में 51.63 करोड़ रुपये के मुकाबले 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 41.34 करोड़ रुपये का रहा। इस बारे में श्री जे अस्सुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट के डिप्टी कलेक्टर और प्रशासक एस जे चावड़ा का कहना है कि प्रति सप्ताह मंदिर को मिलने वाला दान 30-35 लाख रुपये से 15-18 लाख रुपये प्रति सप्ताह तक कम हो गया। यह परिवर्तन तीन सप्ताह पहले हुआ था। हालांकि कई भक्त जो यात्रा करना से बचना चाहते है उनसे ट्रस्ट को ऑनलाइन दान भी प्राप्त हुए है। डाकोर मंदिर के प्रबंधक रवींद्र उपाध्याय ने कहा कि कोविड के पहले के समय की तुलना में फ़िलहाल आगंतुकों की संख्या में 60% की गिरावट आई है। कोविड के प्रसार की जांच करने के लिए होली के त्योहार के दौरान मंदिर को बंद कर दिया गया था। आमतौर पर इस अवधि के दौरान मंदिर में तक़रीबन 3 लाख श्रद्धालु आते है।
कई अन्य मंदिरों की तरह ही प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर पिछले साल जून के बाद से तीन महीने तक बंद रहने के बाद फिर से खोला गया। इससे मंदिर में मिलने वाला दान 2019-2020 के 11.72 करोड़ रुपये से 2020-21 में 6.35 करोड़ रुपये तक कम हो गया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की जानकारी के अनुसार कोविड काल के पहले जहाँ 12,000 से 15,000 भक्त प्रतिदिन मंदिर आते थे। कोविड के बाद मंदिर के पुन: खुलने के बाद यह  आंकड़ा 3,000 श्रद्धालु प्रतिदिन तक पहुंच गया था। हालांकि कुछ समय पहले ये संख्या धीरे-धीरे बढ़कर 7,000 हो गई थी।