पालिताना तीर्थ के इतिहास में पहली घटना, कोरोना के कारण छ: गाऊ की यात्रा रद्द हुई
By Loktej
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कोरोना के बढ़ते केसों के चलते लिया निर्णय
तीर्थ नगरी के तौर पर जानी जाने वाली पालिताना में 26 मार्च से आयोजित होने वाली छ: गाऊ (फागुन फेरी) की यात्रा को बंद रखा गया है। शेठ आनंद जी कल्याणजी की पेढ़ी ने एक निवेदनपत्र निकाल कर कोरोना की बढ़ती महामारी और सरकारी सूचनाओं को ध्यान में रखते हुये यात्रा मौफूक रखी गई है।
भगवान कृष्ण के पुत्र शांब और प्रद्युमन ने प्राप्त किया था मोक्ष
हालांकि इस बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं दी गई है की यह यात्रा बिलकुल शांत तरीके से होगी या नहीं। पेढ़ी द्वारा कहा गया की यदि बिलकुल सामान्य तौर पर भी यात्रा निकाली जाती है, तो भी शेत्रुंजय गिरिराज की यात्रा के लिए काफी भीड़ होगी।
अब तक के इतिहास में पहली बार रद्द हुई छ: गाऊ यात्रा
अब तक के इतिहास में यह पहली बार होगा जब पालिताना की यह तीर्थ यात्रा बंद रहेगी। बता दे की जैन समाज में इस छ: गाऊ की यात्रा का काफी महत्व है। मान्यता है की फागुन की शुक्ल पक्ष की तेरहवीं के दिन ही कृष्ण के पुत्र शांब और प्रद्युम्न ने साढ़े आठ करोड़ मुनियों के साथ मोक्ष की प्राप्ति की थी। इस दिन होने वाली यात्रा में 18 किलोमीटर की यात्रा एक ही दिन में पूर्ण करनी होती है।
यात्रा के दिन सबसे पहले गिरिराज के दर्शन किए जाते है। इसके बाद ऋषभदेव भगवान के दर्शन कर छ: गाऊ की यात्रा शुरू की जाती है। इस यात्रा के दौरान देवकी के छह पुत्रों का मंदिर भी आता है। इसके बाद उलकाजल, अजितनाथ, शांतिनाथ की देरी, चंदन तालाब, भाड़वा पहाड़ और अंत में सिद्धवड आता है। जहां यतरलु चैत्यवंदन कर धार्मिक क्रिया पूर्ण करते है और अपनी छ: गाऊ की यात्रा पूर्ण करते है। पर इस बार कोरोना के ग्रहण के कारण यह यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
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