वलसाड : केमिकल से पकाए आम बिक रहे हाईवे पर, नुकसान करते हैं

वलसाड : केमिकल से पकाए आम बिक रहे हाईवे पर, नुकसान करते हैं

परप्रांतीय लोगो द्वारा बेची जाने वाले केमिकल से पकाए आमों पर श्री वलसाड किसान समाज ने जताई आपत्ति

गर्मीयां नजदीक आ रही है और लोगों में आम की चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया है। सभी आम प्रेमियों में वलसाड के हाफुस आम की सबसे ज्यादा मांग रहेती है। हालांकि अभी आम का सीजन पूरी तरह से आया नहीं है, पर कुछ लोगों ने केमिकल की मदद से आमों को समय से पहले पकाकर उसे बेचना शुरू कर दिया है। 
कुछ परप्रांतीय तत्वों द्वारा दक्षिण गुजरात से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर केमिकल में पकाकर दक्षिण क्षेत्र के आमों को वलसाडी हफूस और वलसाडी केसर के नाम से बेचा जा रहा है। केमिकल में पकाए गए यह आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक भी हो सकते है। इसे लेकर वलसाड किसान समाज द्वारा जिला कलेक्टर को आवेदन दिया गया था। 
पिछले साल भी किया गया था मना
बता दे की पिछले साल वलसाड विभाग किसान समाज द्वारा तत्कालीन कलेक्टर सी आर खरसान को लिखित आवेदन दिया गया था। जिसके बाद जांच की गई और उन्होंने नेशनल हाइवे ओथोरिटी को हाइवे पर मंडप ना डालने देने की सूचना दी थी। इसके बावजूद इस साल भी वैसी ही परिस्थिति का निर्माण हो रहा है। इसलिए किसान समाज के प्रमुख भगुभाई पटेल सहित अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर आर आर रावल को मिलकर लिखित में आवेदन दिया था। 
आवेदन में बताया गया कि फिलहाल आम की सीजन शुरू हो रही है और कोरोना का प्रसार भी बढ़ रहा है। ऐसे में आंतरराज्य व्यापार काफी नियंत्रित होना चाहिए। इसमें भी पिछले साल की तरह इस साल भी दक्षिण के राज्यों के आम को केमिकल में पका कर उसे हाइवे पर बेचा जा रहा है। इससे प्रजा का स्वास्थ्य पर खराब असर होता है। इसलिए हाइवे के आसपास आम के मंडप ना बांधने दिये जाए। 
स्थानीय किसानों को होता है भारी नुकसान, बेचा जाता है नकली माल
किसान समाज के प्रमुख भगुभाई पटेल ने बताया की केमिकल से पकाए हुये आम अधिक गर्मी में लोगों के स्वास्थ्य पर अधिक असर करती है। इतना ही नहीं परप्रांतीय लोगों द्वारा बाहर का कम गुणवत्ता वाला सामान कम कीमतों पर बेचा जाता है, जिससे की स्थानीय किसानों को काफी नुकसान होता है। 
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