पेट में गोली लगने के बावजूद जानिए किस तरह उषा पटेल ने बचाई थी अपने पति की जान

पेट में गोली लगने के बावजूद जानिए किस तरह उषा पटेल ने बचाई थी अपने पति की जान

एक रूम में मात्र एक जन को रहने देने की बात पर हुई थी बोलाचाली, पुलिस के आने के पहले ही हकिम ने चला दी गोली

5 मार्च को अमेरिका के मेरीलेंड में NRI दंपत्ति हुई गोलीबारी की घटना में एक और तथ्य सामने आया है। जिसमें पता चला है कि किस तरह पत्नी उषा पटेल ने मरते मरते भी अपने पति कि जान बचाई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 5 मार्च को शुक्रवार के रोज पटेल दंपत्ति के मोटल में हकिम इवान नाम का यह युवक अपने मित्रों के साथ रहने आया था। कोरोना के कारण एक रूम में मात्र एक व्यक्ति को ही रहने देने के सरकार के आदेश को हकीम ने नहीं मानी। इसके चलते पटेल दंपत्ति ने उसे रिसेप्शन पर बुलाया था। 
एक रूम में एक से अधिक लोगों को न रहने देने के चलते हुई बोलाचाली 
इसके बारे में उषा पटेल ने फिर से उसे समजाने का प्रयास किया। जिसे लेकर दोनों के बीच बोलाचाली हो गई। इसके चलते हकीम ने रूम खाली कर के रिफ़ंड मांगा था। हकीम ने रूम अपनी माता के नाम से बुक करवाया था और इसलिए रिफ़ंड भी उसकी माता को ही मिल सकेगा ऐसी बात उषा ने कही थी। जिसके बाद मामला और भी ज्यादा फंसा था। मामला बिगड़ता देख कर पटेल दंपत्ति ने पुलिस को फोन कर दिया था। 

(PhotoCredit:khabarchhe.com)


  

हालांकि पुलिस के आने से पहले ही हकीम ने उसके पास रखी रिवॉल्वर निकाली और दंपत्ति पर फ़ाइरिंग कर दी थी। इस फायरिंग में एक गोली उषा पटेल के पेट में लगी थी, इसके बाद भी उषा पटेल ने अपने पति को बचाने के लिए उन्हे किचन की और धकेल दिया। गोलीबारी में दिलीप पटेल भी चोटिल हुये थे। गोली उनके कमर के हिस्से से आरपार होकर निकल गई थी। गोली लगने के कारण उषा पटेल की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। बता दे की उषा और दिलीप पटेल पिछले 20 साल से अमेरिका के मेरीलेंड में रह रहे थे। 

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