भारतीय रेलवे ने 2025 में सबसे दुर्गम इलाकों तक विस्तार किया, सुरक्षा और आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया
नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) भारतीय रेलवे ने 2025 में कुछ सबसे दुर्गम इलाकों तक अपना विस्तार किया, जिसमें तमिलनाडु के पंबन में देश के पहले ‘वर्टिकल-लिफ्ट’ पुल और चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे पुल जैसी ऐतिहासिक परियोजनाएं शामिल रहीं।
इस वर्ष बिरबी-सैरांग लाइन के चालू होने से मिजोरम में भी रेल संपर्क स्थापित हो गया, जिससे पूर्वोत्तर के दूरस्थ और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने का लंबे समय से प्रतीक्षित प्रयास पूरा हुआ। इन परियोजनाओं के जरिए दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया।
रेल मंत्रालय ने 2025 में देश में 42 परियोजनाएं शुरू कीं, जिनका कुल मूल्य 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
रेलवे ने इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में विशेष ट्रेनें भी चलाईं और 15 नई ट्रेनों की शुरुआत के साथ वंदे भारत सेवाओं का तेजी से विस्तार किया। रेल मंत्रालय ने वर्ष के अंत की अपनी समीक्षा में बताया कि देश में अब कुल 164 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें सेवाएं दे रही हैं।
रेल मंत्रालय के अनुसार, देश के रेल नेटवर्क में 13 अमृत भारत ट्रेनें भी जोड़ी गईं, जिससे ऐसी सेवाओं की कुल संख्या 30 हो गई। दो नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं भी शुरू हो गईं, जो गुजरात के भुज और अहमदाबाद तथा बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर को राज्य की राजधानी पटना से जोड़ती हैं।
भारतीय रेलवे ने 2025 में त्योहारों के मौसम और व्यस्त यात्रा अवधि के दौरान भारी यातायात को संभालने के लिए रिकॉर्ड 43,000 विशेष ट्रेन यात्राएं भी संचालित कीं।
रेल मंत्रालय का मुख्य ध्यान बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी रहा, जिसके तहत अप्रैल से नवंबर 2025 के बीच 900 किलोमीटर से अधिक नई रेल लाइनें चालू की गईं और मौजूदा पटरियों का बड़े पैमाने पर नवीनीकरण किया गया ताकि ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और तेज हो सके।
मंत्रालय ने कहा कि ‘ब्रॉड गेज’ नेटवर्क का विद्युतीकरण लगभग पूरा होने की ओर अग्रसर है और लगभग 99.2 प्रतिशत मार्ग पूरे हो चुके हैं।
मंत्रालय ने कहा कि देश की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना ने 30 नवंबर, 2025 तक 55.63 प्रतिशत प्रगति हासिल कर ली है।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए 2025 में ‘रेलवन’ ऐप भी प्रारंभ किया। मंत्रालय ने बताया कि यह ऐप एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
