अश्लील,गैरकानूनी सामग्री पर कार्रवाई करें;अन्यथा परिणाम भुगतें: सरकार की ऑनलाइन मंचों को चेतावनी
नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) केंद्र ने ऑनलाइन मंचों विशेषकर सोशल मीडिया कंपनियों को आगाह किया कि यदि वे अश्लील, अभद्र, बाल यौन शोषण से जुड़ी और अन्य प्रकार की गैरकानूनी सामग्री पर कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो उन्हें कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 29 दिसंबर 2025 को जारी परामर्श में सोशल मीडिया कंपनियों से अपने अनुपालन ढांचे की तत्काल समीक्षा करने और अपने मंच पर अश्लील एवं गैरकानूनी सामग्री के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही कहा कि ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें देश के कानून के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
परामर्श में कहा गया, ‘‘ सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित मध्यस्थों को याद दिलाया जाता है कि वे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत वैधानिक रूप से बाध्य हैं... कि वे अपने मंचों पर या उनके माध्यम से ‘अपलोड’, प्रकाशित, ‘होस्ट’, साझा या प्रसारित की गई तृतीय-पक्ष की जानकारी के संबंध में दायित्व से छूट प्राप्त करने की शर्त के रूप में उचित सावधानी बरतें। ’’
यह परामर्श ऐसे समय जारी किया गया है कि जब इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह पाया कि सोशल मीडिया मंच अश्लील, भद्दी, अनुचित और गैरकानूनी सामग्री पर सख्ती से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
परामर्श में दोहराया गया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और/या सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर मध्यस्थों, मंचों तथा उनके उपयोगकर्ताओं के खिलाफ आईटी अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और अन्य लागू आपराधिक कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को आईटी अधिनियम व आईटी नियम, 2021 के उन प्रावधानों की भी याद दिलाई जिनके तहत ऑनलाइन मंचों को यह सुनिश्चित करने के लिए यथोचित प्रयास करने होते हैं कि उनके कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करने वाले लोग ऐसी कोई जानकारी ‘होस्ट’, प्रदर्शित, ‘अपलोड’, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, संग्रहित, अद्यतन या साझा न करें जो अश्लील (पोर्नोग्राफिक), बाल यौन शोषण से जुड़ी (पीडोफिलिक), बच्चों के लिए हानिकारक या अन्यथा गैरकानूनी हो।
मंत्रालय ने कहा कि उसके संज्ञान में यह आया है कि मध्यस्थों द्वारा उचित परिश्रम संबंधी दायित्वों के पालन में अधिक निरंतरता एवं सख्ती की आवश्यकता है।
आईटी मंत्रालय ने मध्यस्थों से कहा कि वे अदालत के आदेश या उपयुक्त सरकार अथवा उसकी अधिकृत एजेंसी से प्राप्त सूचना के माध्यम से वास्तविक जानकारी मिलने पर गैरकानूनी सामग्री को तुरंत हटाएं या उस तक पहुंच निष्क्रिय करें और यह कार्रवाई आईटी नियम, 2021 में निर्धारित समयसीमा के भीतर सख्ती से की जाए।
आईटी नियम, 2021 के तहत अनिवार्य है कि यदि किसी व्यक्ति या उसकी ओर से किसी अन्य द्वारा शिकायत की जाती है और सामग्री प्रथम दृष्टया किसी व्यक्ति को यौन कृत्य या आचरण में दर्शाती है या उसका प्रतिरूपण है तो मध्यस्थ 24 घंटे के भीतर ऐसी सामग्री को हटाएं या उस तक पहुंच निष्क्रिय करें।
परामर्श में ऑनलाइन मंचों से अपने आंतरिक अनुपालन ढांचे, सामग्री नियंत्रण प्रक्रियाओं और उपयोगकर्ता प्रवर्तन तंत्र की तत्काल समीक्षा करने तथा आईटी अधिनियम व आईटी नियम, 2021 के प्रावधानों का सख्त और निरंतर पालन सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
