प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान का एक सेतु बना : धर्मेंद्र प्रधान
वाराणसी, दो दिसंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नाम लिए बिना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) प्रमुख एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा और कहा कि तमिलनाडु में कुछ दोस्त अपने मामूली राजनीतिक फायदे के लिए भाषा के बहाने बंटवारा करना चाहते हैं।
प्रधान ने वाराणसी में ‘काशी तमिल संगमम 4.0’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज काशी तमिल संगमम एक जन आंदोलन बन गया है और न केवल तमिलनाडु बल्कि दूसरी राज्यों में भी लोग काशी तमिल संगमम के नए सत्र का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, “तमिलनाडु में कुछ दोस्त अपने मामूली राजनीतिक फायदे के लिए भाषा के बहाने बंटवारा करना चाहते हैं। मैं बहुत विनम्रता से, हर साल तमिलनाडु के माननीय मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखता हूं और उनसे कहता हूं कि कृपया काशी तमिल संगमम के उद्घाटन कार्यक्रम में आएं। आप खुद देखें कि तमिलनाडु के मेरे युवा दोस्त कैसे सभ्यता का जश्न मना रहे हैं। सभ्यता की कोई सीमा नहीं होती।”
प्रधान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ तौर पर कहा है कि संस्कृत की तरह तमिल भी इंसानी सभ्यता की मुख्य भाषा है।
उन्होंने कहा, “भाषाओं के बीच कोई रुकावट नहीं है। वे महसूस कर सकती हैं, वे बात कर सकती हैं, वे समझ सकती हैं, वे एक-दूसरे से बातचीत कर सकती हैं। अपने फायदों की वजह से उनके बीच रुकावट पैदा हुई। काशी तमिल संगमम के उद्घाटन कार्यक्रम में मैं तमिलनाडु के माननीय मुख्यमंत्री, आदरणीय स्टालिन को फिर से न्योता देता हूं, कृपया काशी तमिल संगमम आएं।”
केंद्रीय मंत्री ने ऋषि अगस्त्य का जिक्र करते हुए कहा कि ऋषि अगस्त्य हिमालय से तमिलनाडु गए थे और वे तमिल व्याकरण व तमिलनाडु की सिद्ध मेडिसिन के दिग्गज हैं।
प्रधान ने जोर देकर कहा, “यही रुकावट है। आप बनावटी फूट और रुकावट नहीं डाल सकते। आप अपनी राजनीति में सफल हो सकते हैं लेकिन आप समाज को नहीं बांट सकते।”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं। जब वे ऐसी बातें कहते हैं, तो यह सिर्फ भाषण नहीं होता, यह एक प्रतिबद्धता होती है। आज हम मानते हैं कि बहु भाषाई हमारी ताकत है।”
इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान के एक सेतु का निर्माण हुआ है।
‘काशी तमिल संगमम 4.0’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "यह पवित्रता का शहर है, ज्ञान का शहर है। भारतीय सभ्यता के इन दो हिस्सों के बीच सदियों पुराना रिश्ता है। अगर आप तमिलनाडु के किसी भी मंदिर में जाएंगे, तो आपको तमिलनाडु के सभी मंदिरों में काशी विश्वनाथ के विग्रह की प्रतिकृति देखने को मिलेगी।"
उन्होंने कहा कि सदियों पहले दोनों तरफ से तीर्थयात्रा शुरू हुई थी।
प्रधान ने कहा, “देश के इस हिस्से में रामेश्वरम के लिए एक खास जगह है। देश के दक्षिणी हिस्से में, खासकर तमिलनाडु जैसे राज्य में, काशी विश्वनाथ की एक खास जगह है। यह हमारी सभ्यता की खासियत है, यह हमारी विविधता की खासियत है। विविधता ही हमारी ताकत है।”
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “2022 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण, हमने काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान का एक सेतु बनाया है।”
