प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग: मुख्यमंत्री धामी

प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून, छह नवंबर (भाषा) प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण को उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारे पूर्वजों ने मानव और प्रकृति के सहअस्तित्व की जो विचारधारा दी, वह आज भी हमारी जीवनशैली का आधार है।

नैनीताल जिले के रामनगर में उत्तराखंड स्थापना के रजत जयंती उत्सव के तहत आयोजित 'जन वन महोत्सव' का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव जनता और जंगलों के बीच अटूट रिश्ते का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि यह रिश्ता हमें सिखाता है कि विकास तभी सार्थक है, जब पारिस्थितिकी और आर्थिकी के बीच सामंजस्य बना रहे।

उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्षों में प्रदेश ने प्रकृति, संस्कृति और विकास का संतुलन बनाए रखते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार पारिस्थितिकी, आर्थिकी और प्रौद्योगिकी के संतुलन पर कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रदेश में जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन से निगरानी, श्वान दल जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

धामी ने कहा कि राज्य में ‘इको-टूरिज्म मॉडल’ पर तेजी से काम किया जा रहा है ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

उन्होंने कहा कि जिम कॉबेट राष्ट्रीय पार्क के बिजरानी, गर्जिया और ढिकुली जोन को आधुनिक रूप में विकसित किया गया है जिससे हजारों ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रकृति के बारे में जानकारी रखने वाले गाइड, ड्रोन पायलट, वन्यजीव फोटोग्राफर, वन्यजीव पर्यटन आधारित कौशल को उद्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके ।

मुख्यमंत्री ने बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना विकसित करने की जरूरत पर बल देते हुए उसे सबसे बड़ी पूंजी बताया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सत्तर के दशक में चमोली जिले में हुए चिपको आंदोलन का भी उल्लेख किया तथा कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा पेड़ों से लिपटकर दिए गए संदेश ने विश्वभर में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा दी।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन महिला सशक्तिकरण, सत्याग्रह और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बन गया।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कई गांवों में विकास के लिए घोषणाएं करने के साथ ही पर्यटन सत्र 2025-26 में महिला जिप्सी चालकों को विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की भी घोषणा की ।

उन्होंने नगर वन में लाइट एंड साउंड शो शीघ्र प्रारंभ किये जाने, रामनगर में सामुदायिक सोवेनियर शॉप का निर्माण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिये जाने की भी घोषणा की।

इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि वन विभाग के प्रयासों से प्रदेश में वन्य जीवों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है।

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