पर्यटकों के लिए फिर खोले गए दुधवा बाघ अभयारणय के दरवाजे

पर्यटकों के लिए फिर खोले गए दुधवा बाघ अभयारणय के दरवाजे

लखीमपुर खीरी (उप्र), एक नवंबर (भाषा) दुधवा बाघ अभयारणय (डीटीआर) के दरवाजे शीतकालीन सत्र के तहत शनिवार को पर्यटकों के लिये खोल दिये गये। उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना ने इसकी शुरुआत की।

आमतौर पर डीटीआर को शीतकालीन सत्र के तहत 15 नवंबर को खोला जाता था, लेकिन इस बार इसे एक नवंबर को ही खोल दिया गया है।

मंत्री सक्सेना ने डीटीआर को जल्दी खोले जाने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से पर्यटकों के लिए ‘दीपावली का उपहार’ बताया।

हालांकि इस बार पर्यटकों को डीटीआर में घूमने के लिए ज्यादा शुल्क देना होगा।

दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन (डीटीसीएफ) के शासी निकाय ने शुक्रवार शाम को एक बैठक में शुल्क वृद्धि का फैसला लिया।

डीटीआर में प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर दिया गया है। गैंडा विचरण क्षेत्र में भ्रमण शुल्क 150 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है और कैमरा शुल्क 100 रुपये से दोगुना करके 200 रुपये कर दिया गया है।

मंत्री सक्सेना ने इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि दुधवा सफारी के लिए दो नए जंगल मार्ग बनाए गए हैं। इनमे एक कतर्नियाघाट में निशानगढ़ा के पास और दूसरा, दुधवा में रूट संख्या-23 है। इससे पर्यटकों को वन्यजीवों को बेहतर तरीके से देखने के अधिक विकल्प मिलेंगे।

मंत्री ने यह भी कहा कि ज्यादा संख्या में पर्यटकों को उचित दरों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए अभयारण्य में आवास सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी।

लखीमपुर खीरी और बहराइच जिलों में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित डीटीआर में रॉयल बंगाल टाइगर्स, जंगली हाथियों, एक सींग वाले गैंडों, दलदली हिरणों, सरीसृप और पक्षियों की कई प्रजातियां पायी जाती हैं।