जीएसटी कटौती से छोटी कारों की बिक्री में आई तेजीः मारुति सुजुकी चेयरमैन
नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से छोटी कारों की मांग में आई तेजी दर्शाती है कि भारतीय उपभोक्ताओं के अब छोटी कारों की जगह बड़े आकार वाले वाहनों को प्राथमिकता देने की धारणा गलत है।
भार्गव ने कहा कि बदले हुए हालात में कुछ कार विनिर्माता कंपनियां अपने उत्पादों की पेशकश में संशोधन कर सकती हैं।
भार्गव ने कंपनी के तिमाही नतीजों पर चर्चा के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मारुति सुजुकी अपनी पांचवें विनिर्माण संयंत्र की स्थापना का फैसला करने के करीब है और अगले कुछ महीनों में इसकी घोषणा की जा सकती है।
जीएसटी दरों में कमी के समग्र वाहन बिक्री पर पड़े प्रभावों पर उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी 2030-31 के लिए अपने उत्पादन और बिक्री अनुमान में संशोधन करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा, "त्योहारों के दौरान हमारी खुदरा बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर रही, जिसमें छोटी कारों की बिक्री का प्रमुख योगदान रहा। बड़ी कारें भी बिक रही हैं, लेकिन उतनी ज्यादा नहीं।"
जीएसटी दरों में संशोधन के बाद 1,200 सीसी से कम इंजन क्षमता और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी एवं सीएनजी वाहनों पर जीएसटी कर की दर 28 प्रतिशत एवं उपकर से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।
भार्गव ने अक्टूबर महीने के बिक्री प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा, "इस दौरान '18 प्रतिशत जीएसटी' वाली श्रेणी में हमारी खुदरा बिक्री में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बड़ी कारों की बिक्री में भी लगभग चार-पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर हमने खुदरा बिक्री में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी है।"
उन्होंने कहा कि इससे यह धारणा गलत साबित हुई है कि कारों को लेकर सभी भारतीयों की आकांक्षाएं बदल गई हैं और कोई भी छोटी कार नहीं खरीदना चाहता है।
भार्गव ने कहा कि अब भी बहुत से लोग छोटी कारें खरीदना चाहते हैं ताकि वे बेहतर निजी आवागमन का आनंद ले सकें।
उन्होंने कहा, "मारुति में लगभग 70 प्रतिशत उत्पादन ‘18 प्रतिशत जीएसटी’ श्रेणी में होता है। अब हमें उत्पादों के मिश्रण में बदलाव देखने को मिलेगा।"
भार्गव ने कहा कि इस श्रेणी के वाहनों की खुदरा बिक्री 40 प्रतिशत जीएसटी वाले वाहनों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगी।

 
  