भारत में निर्मित नयी पीढ़ी के हृदय स्टेंट को वैश्विक स्तर पर प्रमुख मान्यता मिली

भारत में निर्मित नयी पीढ़ी के हृदय स्टेंट को वैश्विक स्तर पर प्रमुख मान्यता मिली

सैन फ्रांसिस्को, 30 अक्टूबर (भाषा) भारत में निर्मित नयी पीढ़ी के हृदय स्टेंट ने अमेरिका में निर्मित अंतरराष्ट्रीय बाजार के अग्रणी स्टेंट की तुलना में उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए बेहतर कार्य किया है। इसके साथ ही संबंधित भारतीय चिकित्सा नवाचार ने वैश्विक स्तर पर एक बड़ी पहचान हासिल कर ली है।

बुधवार को यहां संपन्न हुए हृदय रोग विशेषज्ञों के एक वैश्विक सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इसमें जाने-माने भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ एवं दिल्ली के बत्रा अस्पताल के चैयरमैन एवं डीन डॉ. उपेन्द्र कौल ने भारत में ‘टक्सेडो-2’ नामक एक परीक्षण के परिणाम प्रस्तुत किए, जिसमें भारत में निर्मित नयी पीढ़ी के हृदय स्टेंट ‘सुप्राफ्लेक्स क्रुज’ की तुलना अंतरराष्ट्रीय बाजार में अग्रणी अमेरिका के ‘एक्सिएंस’ नामक स्टेंट से की गई।

डॉक्टर कौल के नेतृत्व में यह परीक्षण 66 भारतीय हृदय रोग केंद्रों में आयोजित किया गया। इसमें विशेष रूप से अत्यधिक जटिल स्थिति वाले रोगियों, जैसे मधुमेह और उन्नत बहु-वाहिका रोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा कि परीक्षण में शामिल 80 प्रतिशत लोगों को त्रि-वाहिका रोग था।

भारतीय उपकरण के लिए परिणाम अत्यधिक सकारात्मक रहे, जिससे यह पता चला कि ‘सुप्राफ्लेक्स क्रुज़’ स्थापित अंतरराष्ट्रीय मानकों से कमतर नहीं है।

डॉ. कौल ने कहा कि सूरत की एक कंपनी द्वारा निर्मित भारतीय स्टेंट से एक वर्ष में हृदयाघात की दर में संख्यात्मक रूप से कमी देखी गई।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में इन परिणामों की सराहना भारतीय चिकित्सा उपकरण विनिर्माण की तकनीकी उत्कृष्टता के उदाहरण के रूप में की गई।

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