रूसी कच्चे तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन करेंगे: रिलायंस इंडस्ट्रीज

रूसी कच्चे तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन करेंगे: रिलायंस इंडस्ट्रीज

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि वह रूसी तेल की खरीद से संबंधित ताजा अमेरिकी और अन्य पश्चिमी प्रतिबंधों का पालन करेगी।

इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि इन प्रतिबंधों को देखते हुए उसके रिफाइनरी परिचालन में बदलाव किए जाएंगे।

तेल से लेकर खुदरा क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने कहा कि वह रूस से कच्चे तेल के आयात और यूरोप को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका के प्रतिबंधों के प्रभावों का आकलन कर रही है।

आरआईएल के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम यूरोप में परिष्कृत उत्पादों के आयात को लेकर यूरोपीय संघ के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।''

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि वह लागू प्रतिबंधों और नियामकीय ढांचों का पालन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

कंपनी के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ताजा प्रतिबंधों के अनुपालन प्रावधानों को पूरा करने के लिए रिफाइनरी परिचालन में बदलाव करेगी।

अमेरिकी सरकार ने 22 अक्टूबर को रूस की दो बड़ी तेल उत्पादक कंपनियों- रॉसनेफ्ट और ल्यूकऑयल पर प्रतिबंध लगा दिए, जिससे सभी अमेरिकी संस्थाओं और व्यक्तियों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया गया।

प्रतिबंधित कंपनियों या उनकी अनुषंगी कंपनियों के साथ लेनदेन करने पर गैर-अमेरिकी कंपनियों को भी दंड का सामना करना पड़ सकता है।

अमेरिका के वित्त विभाग ने कहा है कि रॉसनेफ्ट और ल्यूकऑयल से जुड़े सभी मौजूदा लेनदेन 21 नवंबर तक पूरे कर लिए जाने चाहिए।

भारत के कच्चे तेल आयात में लगभग एक तिहाई हिस्सा रूस का है। रूस ने भारत को वर्ष 2025 में औसतन लगभग 17 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का निर्यात किया। इसमें से लगभग 12 लाख बैरल प्रतिदिन तेल सीधे रॉसनेफ्ट और ल्यूकऑयल से आया। इनमें से ज्यादातर तेल निजी रिफाइनरी रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी ने खरीदा था।

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