वाराणसी में दीपावली पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ धाम को सुगंधित फूलों और रोशनी से सजाया गया
वाराणसी (उप्र), 18 अक्टूबर (भाषा) वाराणसी में दीपावली की तैयारियां शुरू हो गई हैं और इस कड़ी में बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम को सुगंधित फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया गया है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इस बार छह दिवसीय दीप ज्योति पर्व के लिए परिसर में कई क्विंटल सुगंधित पुष्पों की खुशबू के बीच विद्युत झालरों की चमक भक्तों को अपूर्व, अलौकिक और आध्यात्मिक अनुभव कराएगी।
उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे और बाबा को प्रिय सुगंधित पुष्पों से धाम परिसर को सजाया गया है। दरबार में पूरे छह दिन तक विविध धार्मिक-सांस्कृतिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।
मिश्र ने बताया कि धनतेरस के दिन से ही बाबा धाम स्थित मां अन्नपूर्णा का दरबार को भव्य रूप दिया गया है। दीपावली के दिन दीप मालिकाओं से बाबा का परिसर जगमगाएगा और इसी दिन मंदिर चौक में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
मिश्र ने यह भी बताया कि अन्नकूट महोत्सव पर 56 भोग के लिए 14 क्विंटल मिठाइयों और अन्य व्यंजनों का चढ़ावा रखा जाएगा। इसके लिए अनेक प्रकार की मिठाइयां जैसे विभिन्न प्रकार के लड्डू और नमकीन, मठरी आदि मंदिर प्रशासन स्वयं बनवाएगा, जबकि अन्य मिठाइयां काशी की विश्वसनीय दुकानों से भी मंगाई जाएंगी।
महापौर अशोक तिवारी ने बताया कि आगामी दीपावली, छठ पूजा एवं देव दीपावली के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से अस्सी घाट से राजघाट तक निरीक्षण किया गया।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा और व्यवस्थापन से जुड़ी सभी तैयारियों को समय पर पूरा कराने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं एवं आगंतुकों को त्योहारी माहौल में सुगमता और सौंदर्य का अनुभव हो सके।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने दीपावली के दौरान ग्रीन पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल की अनुमति दी है। बोर्ड ने आदेश दिया है कि 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत होगी। इसके अलावा, ग्रीन पटाखे के इस्तेमाल का समय शाम छह बजे से रात 10 बजे तक रहेगा।
ग्रीन पटाखे ऐसे पटाखे होते हैं जो सामान्य पटाखों की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें एलुमिनियम, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे हानिकारक रसायनों की मात्रा या तो बहुत कम होती है या बिल्कुल नहीं होती।