सरकार छठ पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत: प्रधानमंत्री

सरकार छठ पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत: प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है और जब ऐसा होगा तो दुनिया के हर कोने में लोग इस त्योहार की भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे।

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोदी ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले सरकार के इसी तरह के प्रयासों के कारण कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की सूची का हिस्सा बन गई थी।

उन्होंने कहा, "हमारे त्योहार और उत्सव भारत की संस्कृति को जीवित रखते हैं। छठ पूजा दिवाली के बाद आने वाला एक पवित्र त्योहार है। सूर्य देव को समर्पित यह भव्य त्योहार बहुत खास है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "इसमें हम डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देते हैं और उसकी पूजा करते हैं। छठ न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है, बल्कि इसकी भव्यता पूरी दुनिया में देखी जाती है। अब यह एक वैश्विक त्योहार बनता जा रहा है।"

मोदी ने कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि भारत सरकार भी छठ पूजा से जुड़े एक बड़े प्रयास में लगी हुई है। भारत सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है।"

उन्होंने कहा कि जब छठ पूजा को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाएगा तो दुनिया के हर कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे।

मोदी ने कहा, "कुछ समय पहले, भारत सरकार के ऐसे ही प्रयासों के कारण, कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की इस सूची का हिस्सा बन गई। अगर हम अपने सांस्कृतिक आयोजनों को ऐसी वैश्विक मान्यता देंगे, तो दुनिया भी उनके बारे में जानेगी, उन्हें समझेगी और उनमें भाग लेने के लिए आगे आएगी।"

दिवाली के कुछ दिन बाद छठ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और अपने परिवार और बच्चों के लिए आशीर्वाद और समृद्धि की कामना करते हैं। यह बिहार के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

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