बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए ‘स्ट्रीट-स्मार्ट क्रिकेटर’ मिथुन मन्हास के नाम से सभी हैरान

बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए ‘स्ट्रीट-स्मार्ट क्रिकेटर’ मिथुन मन्हास के नाम से सभी हैरान

दुबई, 21 सितंबर (भाषा) प्रथम श्रेणी में 157 मैच खेल चुके अनुभवी क्रिकेटर मिथुन मन्हास बीसीसीआई के 37वें अध्यक्ष बनने जा रहे हैं और यह चौंकाने वाली खबर लोगों को सिर्फ हैरान ही नहीं कर रही है बल्कि देश के क्रिकेट जगत को भी विश्वास नहीं हो रहा है क्योंकि किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी।

मन्सास ने कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला है और प्रथम श्रेणी में उन्होंने 27 शतक से 9714 रन बनाए हैं जबकि लिस्ट ए मैचों में उनके 4126 रन हैं।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के चुनावों को करीब से देख चुके एक अनुभवी क्रिकेट प्रशासक ने सटीक टिप्पणी की। इस अनुभवी प्रशासक ने पीटीआई से गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘देखिए कि भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपने मुख्यमंत्री कैसे चुने। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी ने दावा किया होता कि वह जानता था कि रेखा गुप्ता, मोहन यादव और भजन लाल शर्मा शीर्ष पद हासिल करेंगे तो वह झूठ बोल रहा होता। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई के मामले में देखें तो विकल्प कम हैं। लेकिन मन्हास जैसे खिलाड़ी के लिए संयुक्त सचिव का पद अधिक उपयुक्त होता क्योंकि एक टेस्ट खिलाड़ी (रघुराम भट्ट) को कोषाध्यक्ष बनाया जा रहा है। ’’

इस अनुभवी प्रशासक ने कहा, ‘‘जब चुनावी सूची में तीन टेस्ट खिलाड़ी थे जिनमें से दो (सौरव गांगुली, हरभजन सिंह) 100 से अधिक टेस्ट मैच खेल चुके हैं तो मन्हास का चयन निश्चित रूप से लोगों को हैरान करेगा। ’’

दिल्ली क्रिकेट सर्किट में जब कई क्रिकेटरों से संपर्क किया गया तो उनमें से अधिकांश ने सहमति व्यक्त की कि 45 वर्षीय मन्हास हमेशा एक प्रतिभाशाली और बुद्धिमान व्यक्ति रहे हैं।

पूर्व सलामी बल्लेबाज और क्रिकेट कमेंटेटेर आकाश चोपड़ा ने खेलने के दिनों को याद करते हुए कहा, ‘‘वह हमेशा लोगों के बीच लोकप्रिय रहे। वह उस दिल्ली टीम के कप्तान थे जिसमें कई बड़े स्टार और भारत के खिलाड़ी थे। वे उनके नेतृत्व में खेले।

उन्होंने कहा, ‘‘वह अंडर-16 खेलने के बाद जम्मू से आए थे। हम दिल्ली अंडर-19 और फिर भारत अंडर-19 और दिल्ली सीनियर टीम में साथ खेले। ’’

चोपड़ा ने उन दिनों की एक घटना साझा करते हुए बताया, ‘‘मैं और मिथुन एक मैच खेलने के लिए एक भीड़-भाड़ वाली ट्रेन में सूरत से मुंबई जा रहे थे। मुझे नींद आ रही थी और मैंने मिथुन से सीट के नीचे रखे अपने नए जूते के डिब्बे की देखभाल करने को कहा। मिथुन ने भी नए जूते खरीदे थे। उसने अपने पैर मेरे जूते के डिब्बे पर रख दिए ताकि वे चोरी नहीं हों।’’

उन्होंने बताया, ‘‘जब हम मुंबई उतरे तो मिथुन के नए जूते चोरी हो गए। वह दोस्तों को बनाना जानता था। मैंने उन्हें शुभकामनाओं का संदेश दिया। वह ऐसे समय में मध्यक्रम में खेले जब तीसरे नंबर (राहुल द्रविड़), चौथे नंबर (सचिन तेंदुलकर), पांचवें नंबर (सौरव गांगुली) और छठे नंबर (वीवीएस लक्ष्मण) की जगह पक्की थी। वह बदकिस्मत था लेकिन बहुत समझदार व्यक्ति। ’’

मन्हास की क्रिकेट की यात्रा और अब क्रिकेट प्रशासन की यात्रा हमेशा सही समय पर सही जगह पर रहने के बारे में है।

दिल्ली के एक अन्य क्रिकेटर ने कहा, ‘‘मिथुन एक ‘स्ट्रीट स्मार्ट’ व्यक्ति हैं। जब वह दिल्ली क्रिकेट में अपनी जगह पक्की कर रहा था तो उसे पता था कि स्वर्गीय अरुण जेटली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में सबसे ताकतवर व्यक्ति थे और बहुत कम प्रथम श्रेणी क्रिकेटर दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके में उनके घर के पास रहने के बारे में सोचते। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब विराट के पिता का रणजी मैच के बीच में निधन हुआ और दिल्ली मुश्किल में थी तब मिथुन कप्तान था। इसके बावजूद मिथुन ने विराट से घर जाने को कहा और लेकिन वह खेलने पर अड़ा रहा तो मिथुन मान गया। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वहीं उसके अधिकांश दोस्त वीरू (वीरेंद्र सहवाग) और युवी (युवराज सिंह) जैसे दिग्गज अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। टी20 में औसत प्रदर्शन के बावजूद, उसने दिल्ली डेयरडेविल्स (जब सहवाग कप्तान थे), पुणे वारियर्स और किंग्स इलेवन पंजाब (युवराज) के लिए 55 आईपीएल मैच खेले। वीरू और मिथुन एक समय बहुत अच्छे दोस्त थे। ’’

लेकिन 2016-17 में जब गौतम गंभीर फिर से दिल्ली के कप्तान बने तो 35 साल से अधिक उम्र के मन्हास जम्मू-कश्मीर लौट गए, जहां वह कुछ समय तक खेले लेकिन फिर राज्य क्रिकेट बोर्ड में व्यवस्था सुधारने के काम के लिए प्रशासक बन गए जिसमें उनका प्रदर्शन मिला-जुला रहा।

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