'जैसे लोग कहते हैं कि लॉर्ड्स क्रिकेट का घर है, वैसे ही विंबलडन टेनिस का मक्का है': सचिन तेंदुलकर

'जैसे लोग कहते हैं कि लॉर्ड्स क्रिकेट का घर है, वैसे ही विंबलडन टेनिस का मक्का है': सचिन तेंदुलकर

लंदन, 12 जुलाई (वेब वार्ता)। विंबलडन 2025 में सचिन तेंदुलकर ने विंबलडन में जाने के अपने अनुभव, टेनिस के दिग्गजों के प्रति अपनी प्रशंसा और क्रिकेट तथा टेनिस के बीच आश्चर्यजनक समानताओं को साझा किया।

अपने जीवन में विंबलडन के महत्व पर सचिन ने कहा, “यह अविश्वसनीय है। जैसे लोग कहते हैं कि लॉर्ड्स क्रिकेट का घर है, वैसे ही यह टेनिस का मक्का है। मैं विंबलडन देखते हुए बड़ा हुआ हूं, और सात-आठ साल की उम्र से ही, जब मैंने टेनिस को थोड़ा-बहुत समझना शुरू किया, तब से मेरे लिए हमेशा विंबलडन सबसे पहले और फिर बाकी ग्रैंड स्लैम ही रहे हैं। इसलिए मेरे लिए, यह सर्वश्रेष्ठ है। मैंने कई टेनिस खिलाड़ियों से बात की है, और वे सभी इस टूर्नामेंट को सबसे ऊपर मानते हैं।” 

सचिन ने विंबलडन के प्रतिष्ठित माहौल और उसके आकर्षण पर कहा, “मुझे रॉयल बॉक्स खास तौर पर बहुत पसंद है-वहां का माहौल बेजोड़ है। बैठकर मैच देखने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। लेकिन मैचों के अलावा, आप इतने सारे लोगों से मिलते हैं और कई तरह की बातचीत करते हैं। 

फैशन की बात करें तो यहां कई फैशन आइकन, हॉलीवुड सितारे, फुटबॉल खिलाड़ी और एथलीट मौजूद रहते हैं। यहां आना हमेशा एक सुखद अनुभव होता है क्योंकि आपको जिंदगी की कई नई चीजों से रूबरू कराया जाता है। और मेरे लिए, सीखना कभी बंद नहीं होता-मैं अभी भी सीख रहा हूं।” 

अपने पसंदीदा टेनिस खिलाड़ियों, भूतपूर्व और वर्तमान, के बारे में सचिन ने कहा, “मैं जॉन मैकेनरो का प्रशंसक रहा हूं। मुझे याद है कि मेरे सभी दोस्त ब्योर्न बोर्ग का समर्थन करते थे, लेकिन किसी कारण से, मैं हमेशा मैकेनरो का समर्थन करता था। मैं उनकी तरह हेडबैंड भी पहनता था, इस उम्मीद में कि जब मैं अपने दोस्तों के साथ घूमूं तो लोग मुझे मैकेनरो कहेंगे। 

सचिन ने कहा, ''हालांकि, हाल के वर्षों में, यह रोजर फेडरर ही है। मुझे राफेल नडाल, नोवाक जोकोविच, सभी को खेलते हुए देखना अच्छा लगता है, लेकिन किसी न किसी तरह, रोजर सबसे आगे हैं। वर्तमान खिलाड़ियों में, कार्लोस अल्काराज मुझे सचमुच प्रभावित करते हैं-उनकी ऊर्जा संक्रामक है। मुझे उनके पैरों में स्फूर्ति, उनका रवैया और फ्रेंच ओपन में दिखाई गई मानसिक दृढ़ता बहुत पसंद है। कभी हार न मानने वाली मानसिकता ही एक सच्चे चैंपियन की पहचान है। 

सभी टेनिस खिलाड़ी चैंपियन नहीं बनते, लेकिन वे जिस तैयारी और कड़ी मेहनत से गुजरते हैं-उसका मेरे मन में बहुत सम्मान है।” उच्च स्तरीय क्रिकेट और टेनिस के बीच समानताओं पर सचिन ने कहा,“अगर मुझे समानताओं की बात करनी हो, तो मुख्य तत्व हैं हाथ-आंखों का समन्वय, गेंद की समझ, खेल के प्रति जागरूकता और विरोधियों से एक कदम आगे रहना। खास तौर पर, फुटवर्क बहुत महत्वपूर्ण है। 

क्रिकेट में, खासकर जब आप बल्लेबाजी कर रहे हों, तो समन्वित फुटवर्क मायने रखता है-और टेनिस में भी यही बात लागू होती है। लोग अक्सर सोचते हैं कि विकेटों के बीच दौड़ना बस एक सीधी दौड़ है, लेकिन असल में यह इस बारे में है कि आप कितनी तेजी से रुक सकते हैं, मुड़ सकते हैं और फिर से तेजी पकड़ सकते हैं। टेनिस खिलाड़ी भी इसी तरह एक-दूसरे को असंतुलित या गलत पैर से पकड़ने की कोशिश करते हैं। यह कोर्ट पर तेज, सहज गति के बारे में है। तभी आप अपने शॉट खेलने और आक्रमण करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होते हैं। ये वो तत्व हैं जो मुझे दोनों में समान लगते हैं।” 

डबल्स पार्टनर के रूप में वह किस क्रिकेटर को चुनेंगे इस पर सचिन ने कहा,“मैंने पहले युवराज सिंह के साथ डबल्स खेला है। हमने 2003 विश्व कप के अपने कुछ साथियों के खिलाफ टीम बनाई थी, और हम चैंपियन बने थे। इसलिए मैं फिर से युवराज को चुनूंगा -इसमें कोई शक नहीं।” 

सचिन ने अपनी प्लेइंग इलेवन के लिए टेनिस खिलाड़ी चुनने पर कहा, “क्रिकेट से जुड़े होने के कारण रोजर फेडरर ही होंगे-उनकी मां दक्षिण अफ्रीकी हैं। लेकिन रोजर के अलावा, लिएंडर पेस, महेश भूपति, रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा भी हैं, जिन्होंने यहां बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। भारतीय निश्चित रूप से क्रिकेट को पसंद करते हैं, और इन खिलाड़ियों ने भारतीय टेनिस के लिए जो किया है वह अद्भुत है। इसलिए कहने की जरूरत नहीं कि वे हमेशा प्रबल दावेदार रहेंगे।