सूरत : गुरु के बिना कल्याण नहीं - भरत ठाकोर
वीएनएसजीयू के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग में मना गुरु पूर्णिमा का उत्सव
सूरत। वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (वीएनएसजीयू) के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा और व्यास जयंती का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों का पुष्प देकर सम्मान किया। आयोजन में शामिल हुए अतिथि पत्रकारों का भी सम्मान किया गया।
आयोजन में विभाग के अध्यक्ष डॉ भरत ठाकोर ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का उत्सव आषाढ़ महीने में मनाया जाता है, जब बारिश का मौसम रहता है। आकाश में बादलों का डेरा रहता है जिससे पूर्ण चंद्र का दर्शन नहीं हो पाता है। इस वक्त जब चंद्रमा बादलों को चीरता हुआ बाहर आता है तो हमें प्रकाश से पूर्ण दिव्य चंद्र का दर्शन होता है।
ठीक इसी तरह गुरु भी हमारे जीवन से अंधकार को हटाकर प्रकाशमय करता है। इस वजह से गुरु के बिना हमारा कल्याण संभव नहीं है। इस दिन को व्यास जयंती के रूप में भी मनाने का उल्लेख कर उन्होंने कहा कि महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की व्याख्या सरल और विस्तृत ग्रंथ के रूप में की थी। यह ग्रंथ भारतीय ज्ञान परंपरा का अलौकिक और अद्भुत ग्रंथ माना जाता है।
डॉ ठाकोर ने कहा कि इस दिन को हम माता-पिता और गुरु के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट कर मनाते हैं जो हमें सदैव अच्छे कर्म के लिए प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने गुरु दक्षिणा, भारतीय ज्ञान दर्शन समेत अन्य विषयों पर चर्चा की।
उन्होंने विद्यार्थियों से विशेष तौर पर कहा कि सीखना परस्पर प्रक्रिया है, जिसमें सभी एक दूसरे से सीखते हैं। पढ़-लिखकर सम्पन्न बनने के साथ वे समाज के प्रति भी अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी करें।
भारत में सम्पन्न बनने का अर्थ यह नहीं कि सिर्फ अपने लिए जिए, अपितु समाज की भी चिंता करें। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें। भारत को सिरमौर इसलिए बनाना है कि यहा सर्वे भवन्तु सुखिन: का विचार सर्वोपरी है।
विश्व में खुशहाली और शांति व्याप्त हो, इसलिए भारत को सिरमौर बनाना है। आयोजन में हिमांशु भट्ट, नरेश कापड़िया, विरेन, डॉ मनोज पटेल, निलय पुराणिक समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विभाग के सांस्कृतिक क्लब के विद्यार्थियों ने किया।